नयी दिल्ली : लंबे समय तक बाजार से गायब रहने के बाद आखिरकार आज से मैगी भारतीय बाजार में आ ही गयी. नेस्ले इंडिया की मैगी पर करीब छह माह पूर्व अधिक मात्रा मोनोसोडियम ग्लूटामेट और सीसा होने के कारण बैन कर दिया गया था. कई लैब टेस्ट में मैगी फेल होता रहा. बाद में कंपनी ने वादा किया वह अपने उत्पाद की गुणवत्ता में सुधार करेगा और उसे कोर्ट की मंजूरी मिल गयी. कोर्ट ने तीन विभिन्न प्रयोगशालाओं में ताजा नमूनों की जांच के बाद मैगी को फिर से बाजार में उतारने की मंजूरी दे दी. गौरतलब है कि कंपनी को इन आरोपों के बाद करोड़ों रुपये का घाटा हुआ है. बच्चों और युवाओं का चहेता मैगी फिर से बाजार में बिकने लगा है और कंपनी के अनुसार इसका सेवन सेफ भी है. नेस्ले इंडिया ने अपने बयान में
कहा कि नये सिरे से तैयार मैगी को परीक्षण में सुरक्षित पाया गया है और आज से इसकी खुदरा बिक्री शुरू की जा रही है. इसको लेकर स्विट्जरलैंड की कंपनी नेस्ले ने भारत में अपने तीन संयंत्रों में मैगी नूडल्स का उत्पादन शुरू कर दिया था और खाद्य परीक्षण प्रयोगशालाओं से मंजूरी मिलने के बाद इसे बाजार में फिर से पेश करने की तैयारी में थी. नेस्ले ने बंबई उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार ताजा उत्पादन में से नमूने परीक्षण के लिये मान्यता प्राप्त तीन प्रयोगशालाओं को भेजा था. उल्लेखनीय है कि कुछ प्रयोगशालाओं में परीक्षण के दौरान मैगी में सीसा और एमएसजी (मोनोसोडियम ग्लूटामेट) निर्धारित सीमा से अधिक पाये जाने के बाद कंपनी को मैगी बाजार से हटाना और उत्पादन रोकना पडा था.
नेस्ले इंडिया के प्रवक्ता ने कहा, ‘हमने अपने तीन संयंत्रों नानजनगुड (कर्नाटक), मोगा (पंजाब) तथा बिचोलिम (गोवा) में उत्पादन शुरू कर दिया है.' उसने कहा, ‘बंबई उच्च न्यायालय के आदेश के अनुरुप हम ताजा माल के कुछ नमूने जांच के लिये उच्च न्यायालय द्वारा नामित तीन मान्यताप्राप्त प्रयोगशालाओं में भेज चुके हैं और वहां से परीक्षण के परिणाम भी आ चुके हैं, जिसमें मैगी को सुरक्षित घोषित किया गया है. ताजा नमूनों को मंजूरी मिलने के बाद ही अब कंपनी उसे बाजार में बेचने की तैयारी में है.
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