बाराबंकी (उत्तर प्रदेश). इसे बीजेपी का डर कहा जाए या फिर सपा की नाकामी, अब सरकार में बैठे मंत्री भी बिहार की तर्ज पर प्रदेश में भी सपा-बसपा का गठबंधन चाहते हैं। हाल ही में यूपी के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाए गए फरीद महफूज किदवई ने सपा-बसपा गठबंधन की वकालत की है। उन्होंने इसके लिए दुआ भी मांगी है। वहीं, जमीयत उलेमा ए हिंद के मौलाना अरशद मदनी ने सपा को बिहार की तर्ज पर यूपी में भी बीजेपी को शिकस्त देने के लिए बसपा के साथ महागठबंधन बना कर 2017 के विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ने की सलाह दी है। उनका कहना है, "देशहित में बीजेपी को कमजोर करना जरूरी है।
अरशद मदनी ने कहा, "सिर्फ यूपी में ही नहीं, बल्कि पूरे देश में बीजेपी विरोधियों को एकजुट हो जाना चाहिए। यूपी में 2017 के विधानसभा चुनाव में अगर सभी पार्टियां अपने निजी फायदे और बीजेपी की साजिश में फंस कर अलग-अलग लड़ेंगे, तो उसका अंजाम अच्छा नहीं होगा।"
मौलाना अरशद मदनी ने सपा सरकार को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, "इस सरकार ने भी मुसलमानों के साथ चुनाव के समय जो वादे किए थे, उन्हें पूरा नहीं किया। अखिलेश यादव ने मुसलमानों के लिए 18 फीसदी आरक्षण की बात कही थी, हालांकि ऐसा नहीं हुआ। मान लिया कि सरकारी नौकरियों में 18 फीसदी का आरक्षण नहीं हो सकता था, तो वह शिक्षा में तो 3 फीसदी दे ही सकते थे। यूपी के सीएम ने दंगों पर भी कानून बनाने की बात कही थी, लेकिन 4 साल गुजर जाने के बाद भी अब तक कोई कानून नहीं बन पाया।
गोकशी के मुद्दे पर किदवई ने कहा, "गोकशी के लिए प्रदेश में सख्त कानून है, लेकिन बाकी जुर्म की तरह गोकशी भी हो जाती है। गोकशी करना हमारे मज़हब में नहीं लिखा है।"
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