मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह कार्यकर्ताओं को पिटता देख पुलिस से भिड़ गए.
दरसअल, विधानसभा फर्जी नियुक्ति मामले में एसआईटी के ऑफिस में बयान दर्ज करवाने के बाद जैसे ही दिग्विजय सिंह बाहर आए, तो उनके समर्थक मिलने के लिए गाड़ी के सामने खड़े हो गए. हालात बिगड़ते देख पुलिस को लाठियां भांजना शुरू कर दीं.
लाठीचार्ज में कार्यकर्ताओं को पिटता देख दिग्विजय सिंह अपनी गाड़ी से नीचे उतर गए और पुलिस से भिड़ गए. दिग्विजय ने समर्थकों पर लाठियां बरसा रहे पुलिस वाले को धक्का देकर भगाया.
जिसके बाद थोड़ी दूर तक वे पैदल चले और फिर से गाड़ी में बैठ गए. इस दौरान गाड़ी को उनके विधायक पुत्र जयवर्धनसिंह चला रहे थे.
इस मामले में भाजपा मीडिया प्रभारी डॉ. हितेश वाजपेयी ने दिग्विजय सिंह का नाम न लेते हुए कहा कि, वे सोचते थे कि उनके कार्यकाल की गड़बड़ियों का कोई हिसाब नहीं मांगा जाएगा. जब हिसाब मांगा जा रहा तो उनकी बौखलाहट सामने आ रही है.
दरसअल, विधानसभा फर्जी नियुक्ति मामले में एसआईटी दिग्विजय से पिछले पांच घंटों से लगातार एक बंद कमरे में पूछताछ कर रही थी. दिग्विजय के साथ उनके बेटे जयवर्धन सिंह और उनके वकील भी एसआईटी ऑफिस में ही मौजूद रहे.
वहीं, कंट्रोल रूम के बाहर दिग्विजय सिंह के समर्थकों की नारेबाजी लगातार जारी थी. नारेबाजी के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ये भी कहा कि अगर पुुलिस दिग्विजय को गिरफ्तार करती है तो वो आंदोलन कर देंगे.
सुरक्षा और कार्यकर्ताओं की भीड़ को देखते हुए पुलिस कंट्रोल रूम के आसपास के इलाके को पुलिस छावनी में तब्दील किया गया था. यहां पुलिस और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प होने के बाद बैरिकेड्स लगाकर मीडिया और कांग्रेस कार्यकर्ताओं को भी एक जगह पर रोक दिया गया था.
सुरक्षा के लिए करीब 150 पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई थी. एसपी के अलावा दो सीएसपी और पांच टीआई भी सुरक्षा का जिम्मा संभाले हुए थे.
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