एमपी के चार जिलों में अब मंत्रियों की नो एंट्री हो गई है. 21 नवंबर को
होने वाले मतदान को ध्यान में रखते हुए इन इलाकों में निर्वाचन आयोग ने अब
मंत्रियों के जाने पर पाबंदी लगा दी है. अब मंत्री इन क्षेत्रों में किसी
भी तरह का प्रचार-प्रसार या घोषणा नहीं कर पाएंगे.
दरअसल, चुनाव को देखते हुए इलेक्शन कमिशन ने आचार संहिता लागू कर दी है. जिस वजह से चुनाव और काउंटिंग पूरी होने तक रतलाम, झाबुआ, देवास और अलिराजपुर में मंत्री प्रवेश नहीं कर पाएंगे.
अपने निजी दौरे के दौरान भी मंत्री किसी तरह की कोई घोषणा नहीं कर सकते हैं. यदि कोई इसका उल्लंघन करता है तो उसपर कार्रवाई की जाएगी.
किसानों से नहीं मिल पाएंगे मंत्री
इलेक्शन कमिशन के इस फैसले के बाद सूखे से जूझ रहे किसानों के सर्वे पर भी असर पड़ेगा. दरअसल, सूखे से जूझ रहे जिलों के लिए सीएम शिवराज सिंह चौहान ने जल्द से जल्द रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए थे ताकि उन्हें मुआवजा दिया जा सके. लेकिन अभी तक की जो रिपोर्ट सामने आई हैं उनमें कई गलतियां पाई गई हैं.
जिसके बाद सीएम ने मंत्रियों को खुद किसानों से मिलकर उनकी स्थिति जानने के निर्देश दिए थे. पर रतलाम, झाबुआ, देवास और अलिराजपुर में मंत्रियों द्वारा ऐसा करना अब चुनाव पूरे होने तक संभव नहीं हो पाएगा.
दरअसल, चुनाव को देखते हुए इलेक्शन कमिशन ने आचार संहिता लागू कर दी है. जिस वजह से चुनाव और काउंटिंग पूरी होने तक रतलाम, झाबुआ, देवास और अलिराजपुर में मंत्री प्रवेश नहीं कर पाएंगे.
रतलाम लोकसभा और देवास विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव की तारीख का ऐलान
हालांकि, मंत्रियों को उनकी निजी दौरे के लिए छूट दे दी गई है. लेकिन इसके लिए मंत्री सरकारी गाड़ी और लाल बत्ती का प्रयोग नहीं कर पाएंगे. इन क्षेत्रों में जाने के लिए मंत्रियों को निजी गाड़ी का ही प्रयोग करना होगा.अपने निजी दौरे के दौरान भी मंत्री किसी तरह की कोई घोषणा नहीं कर सकते हैं. यदि कोई इसका उल्लंघन करता है तो उसपर कार्रवाई की जाएगी.
किसानों से नहीं मिल पाएंगे मंत्री
इलेक्शन कमिशन के इस फैसले के बाद सूखे से जूझ रहे किसानों के सर्वे पर भी असर पड़ेगा. दरअसल, सूखे से जूझ रहे जिलों के लिए सीएम शिवराज सिंह चौहान ने जल्द से जल्द रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए थे ताकि उन्हें मुआवजा दिया जा सके. लेकिन अभी तक की जो रिपोर्ट सामने आई हैं उनमें कई गलतियां पाई गई हैं.
जिसके बाद सीएम ने मंत्रियों को खुद किसानों से मिलकर उनकी स्थिति जानने के निर्देश दिए थे. पर रतलाम, झाबुआ, देवास और अलिराजपुर में मंत्रियों द्वारा ऐसा करना अब चुनाव पूरे होने तक संभव नहीं हो पाएगा.
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