नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की भोपाल बैंच ने राजधानी में चिरायु
अस्पताल के निर्माण कार्य पर रोक लगा दी. अस्पताल में कैंसर यूनिट का
निर्माण कार्य चल रहा.
दरअसल, चिरायु अस्पताल बड़े तालाब के पास है. अभी तक
वेटलैंड एरिए का नोटिफिकेशन नहीं हो पाया है. बिना नोटिफिकेशन के निर्माण
कार्य करने पर ही एनजीटी ने ये सख्ती दिखाई. मामले की अगली सुनवाई 30
सितंबर को होगी.
इस सुनवाई के दौरान चिरायु के वकील अजय गुप्ता की कोर्ट
रूम में तीखी बहस की. इस बहस के दौरान जज दलिप सिंह ने सुरक्षा गार्ड को
कोर्ट रूम में बुलाया. कोर्ट रूम में मौजूद दूसरे वकीलों की दखल के बाद
किसी तरह बहस शांत हुई.
कोर्ट रूम में सुरक्षा गार्ड को बुलाने की घटना को लेकर एनजीटी बार एसोसिएशन गुरुवार को एक दिवसीय हड़ताल पर रहेगा.
10 दिन में में दूसरा बड़ा फैसला
एनजीटी ने 10 दिनों के भीतर दूसरा बड़ा फैसला सुनाया है.
इसके पहले एनजीटी ने छह पॉलीथिन व्यापारियों को अनोखी सजा सुनाई थी. एनजीटी
ने व्यापारियों को रेलवे ट्रैक के आसपास पड़ी पॉलीथिन और प्लास्टिक वेस्ट
की सफाई करने के मौखिक आदेश दिए थे.
ये सजा प्रतिबंध के बावजूद पॉलीथिन बेचने के मामले में चल
रही सुनवाई के दौरान एनजीटी ने सुनाई. दरअसल, जमानती वारंट जारी होने के
बाद छह व्यापारी एनजीटी में पेश हुए. इसी दौरान एनजीटी ने यह फैसला सुनाया.
मध्यप्रदेश सरकार के वकील सुनील के. वर्मा ने बताया कि
एनजीटी ने सुनवाई करते हुए व्यापारियों को बैरागढ़ से लेकर निशातपुरा रेलवे
ट्रैक के आसपास पड़ी पॉलीथिन और प्लास्टिक वेस्ट की सफाई करने के मौखिक
आदेश दिए.
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