मध्यप्रदेश में अध्यापकों की हड़ताल को राज्य सरकार ने अवैध घोषित कर
दिया है. शिक्षा मंत्री ने सर्कुलर जारी कर अध्यापकों को तुरंत काम पर
लौटने के आदेश दिए है.
स्कूली शिक्षा मंत्री पारस जैन ने बेहद सख्त
लहजे में अध्यापकों को हड़ताल खत्म करने के लिए कहा है. शिक्षा मंत्री ने
कहा है कि काम पर नहीं लौटने वाले अध्यापकों के खिलाफ बर्खास्तगी की
कार्रवाई की जाएगी.
कोर्ट ने भी दिए काम पर लौटने के आदेश
शिक्षकों की प्रदेशव्यापी हड़ताल के खिलाफ
दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए जबलपुर हाईकोर्ट ने हड़ताली शिक्षकों
को हड़ताल खत्म कर तत्काल काम पर वापस लौटने के आदेश दिए है. हड़ताल वापस न
लेने पर हाईकोर्ट ने सरकार को छूट दी है कि वो हड़ताली शिक्षकों के खिलाफ
अनुशासनात्मक कार्रवाई करें.
क्यों है हड़ताल
गौरतलब है कि अपनी विभिन्न मांगों को लेकर
आजाद अध्यापक संघ के बैनर तले शासकीय स्कूलों के अध्यापक और संविदा शिक्षक
13 सितम्बर से प्रदेशव्यापी हड़ताल पर है. शिक्षकों की हड़ताल की वजह से
प्रदेश के सरकारी स्कूलों में बच्चो की पढ़ाई-लिखाई लगभग ठप पड़ी है.
अधिवक्ता ने दायर की याचिका
शिक्षकों की इस हड़ताल को लेकर अधिवक्ता विजय
सोनी की ओर से हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी. याचिका में कहा
गया कि शिक्षक द्वारा अपनी मांगो को लेकर की जा रही प्रदेशव्यापी हड़ताल से
प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था चरमरा गई है.
बच्चों के भविष्य को देखते हुए शिक्षकों की
हड़ताल को अवैध घोषित कर उन्हें वापस काम पर बुलाया जाए. मामले की सुनवाई के
बाद हाईकोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए हड़ताली शिक्षकों को तत्काल काम
पर लौटने के आदेश दिए हैं.
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