यूपी में शादी करने के कानूनी तरीकों में कुछ बदलाव आने जा रहा है।
प्रदेश में विवाह पंजीकरण अनिवार्य होने जा रहा है। इसका प्रस्ताव तैयार हो
गया है। जल्द ही इसे कैबिनेट की बैठक में रखा जाएगा। इस प्रस्ताव
को कुछ दिनों पहले ही मंत्रिमंडलीय समिति ने हरी झंडी दी है। प्रस्ताव के
अनुसार विवाह पंजीकरण के लिए 500 रुपये शुल्क लगेगा।दरअसल, देश के कई
राज्यों राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, केरल व बिहार में विवाह पंजीकरण अनिवार्य
है। इन राज्यों में पंजीकरण न कराने वालों से जुर्माना भी वसूला जाता है,
लेकिन उत्तर प्रदेश में यह अभी तक लागू नहीं हो सका है। विवाह
पंजीकरण की अनिवार्यता को लागू करने में प्रदेश सरकार के लिए सबसे बड़ी
दिक्कत मुस्लिम समुदाय था। वे इसे शरीयत कानून में सीधी घुसपैठ मानते हैं।
मुस्लिम धर्मगुरुओं का मानना है कि शरीयत कोर्ट ही निकाह को वैध व अवैध
करार दे सकती है। इन्हीं सब पचड़ों को देखते हुए प्रदेश सरकार ने वरिष्ठ
मंत्री अहमद हसन की अध्यक्षता में मंत्रिमंडलीय समिति बनाई थी।
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