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शिक्षकों को मनचाहे स्कूल में मिलेगी नौकरी

इलाहाबाद /बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से संचालित परिषदीय विद्यालयों के अध्यापकों का इंतजार खत्म हो गया। अब उन्हें जिले के भीतर ही नियुक्ति मिल सकेगी। शासन की ओर से परिषदीय विद्यालयों के लिए शिक्षकों के स्थानांतरण की नीति जारी होते ही सचिव बेसिक शिक्षा परिषद ने तिथियों की घोषणा कर दी है। सचिव बेसिक शिक्षा परिषद ने जिलों के बेसिक शिक्षाधिकारियों को ट्रांसफर की प्रक्रिया 19 सितंबर तक पूरी करने का निर्देश जारी कर दिया है।सचिव बेसिक शिक्षा एचएल गुप्ता की ओर से 31 अगस्त को बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से संचालित परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत अध्यापकों के जिले के भीतर स्थानांतरण-समायोजन का आदेश जारी किया गया। स्थानांतरण का आदेश जारी होते ही सचिव बेसिक शिक्षा परिषद संजय सिन्हा ने जिले के भीतर स्थानांतरण की तिथियों की घोषणा करते हुए इसके लिए जिम्मेदारी तय कर दी है।शासन ने कुछ दिन पहले ही यह घोषणा की थी कि जल्द ही शिक्षकों को उनकी मनचाही जगह पर पोस्टिंग मिलेगी।
ऐसा करने के पीछे मकसद यह था कि सभी शिक्षक अपनी ऊर्जा घर से दूर आने-जाने या बाहर रहने में खर्च न करें। वह अपने घर पर ही रहें और बच्चों को मन लगाकर पढ़ाने के साथ-साथ स्कूल को पूरा समय दें।
पटना: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता राजीव प्रताप रूड़ी ने यहां बुधवार को कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जब से राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद से मिले हैं, उनका पूरा डीएनए गड़बड़ हो गया है, रूड़ी ने यहां पत्रकारों से कहा, "नीतीश कुमार ने जब से लालू से हाथ मिलाया है, तब से लालू प्रसाद का प्रभाव नीतीश कुमार के चरित्र पर और व्यवहार में साफ झलक रहा है।"
नीतीश द्वारा अगले पांच वर्ष के लिए विजन जारी करने पर रूड़ी ने कहा कि क्या 10 वर्षो तक बिना विजन के ही बिहार में शासन चला रहे थे, रूड़ी ने नीतीश को झगड़ालू बताया और कहा कि बिहार की जनता अब एक झगड़ालू मुख्यमंत्री को कुर्सी नहीं देगी, जिनकी दोस्ती आजकल अरविंद केजरीवाल से हो गई है, रूड़ी ने कहा, "नीतीश आजकल गलत बयानबाजी में माहिर हो गए हैं। दरअसल लालू जी से दोस्ती के बाद उनका इतिहास, भूगोल सब गड़बड़ हो गया है।"
उन्होंने कहा कि इन दिनों नीतीश स्वतंत्रता संग्राम को लेकर प्रधानमंत्री और अपने परिवार की तुलना करते हैं, परंतु नीतीश को यह पता होने चाहिए कि स्वतंत्रता की लड़ाई केवल नीतीश के परिवार वालों ने ही नहीं लड़ी थी। उस लड़ाई में सबका सहयोग था।
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बिहार : चुनाव के नजदीक आते ही कई तरह की योजनाओं में भी पंख लगते हुए दिखाई देते है. इस कड़ी में केंद्र सरकार ने बिहार में रेलवे इंजन तैयार करने वाली 2 मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स को मंजूरी देने का विचार बनाया है. बताया जा रहा है कि ये दोनों ही प्रोजेक्ट्स कई समय से ऐसे ही पड़े हुए है और इनमे करीब 42000 करोड़ रूपये का निवेश भी किया जाना है. साथ ही यह सुचना भी सामने आई है कि इन प्रोजेक्ट्स में शामिल होने के लिए 2 इंटरनेशनल कम्पनियाँ मेहनत कर रही है.
इस दौड़ में अमेरिकी कंपनी जीई मढ़ौरा में स्थापित होने वाली डीजल इंजन की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट की बोली का इंतजार कर रही है और इसके अलावा फ्रेंच कंपनी एल्सटोम इलेक्ट्रिक इंजन बनाने के लिए लगने वाली यूनिट को लेकर बोली का इंतजार कर रही है. बताया जा रहा है कि ये दोनों निवेश ही सबसे बड़े विदेशी निवेश साबित होंगे. दोनों ही यूनिट्स के मामलों को देख रहे अधिकारी का यह कहना है कि ये परियोजनाएं काफी समय से अटकी पड़ी हुई है और इस बात की भी उम्मीद है कि सितम्बर तक इसे मंजूरी दे दी जाएगी.
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बिहार : चुनाव के नजदीक आते ही कई तरह की योजनाओं में भी पंख लगते हुए दिखाई देते है. इस कड़ी में केंद्र सरकार ने बिहार में रेलवे इंजन तैयार करने वाली 2 मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स को मंजूरी देने का विचार बनाया है. बताया जा रहा है कि ये दोनों ही प्रोजेक्ट्स कई समय से ऐसे ही पड़े हुए है और इनमे करीब 42000 करोड़ रूपये का निवेश भी किया जाना है. साथ ही यह सुचना भी सामने आई है कि इन प्रोजेक्ट्स में शामिल होने के लिए 2 इंटरनेशनल कम्पनियाँ मेहनत कर रही है.
इस दौड़ में अमेरिकी कंपनी जीई मढ़ौरा में स्थापित होने वाली डीजल इंजन की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट की बोली का इंतजार कर रही है और इसके अलावा फ्रेंच कंपनी एल्सटोम इलेक्ट्रिक इंजन बनाने के लिए लगने वाली यूनिट को लेकर बोली का इंतजार कर रही है. बताया जा रहा है कि ये दोनों निवेश ही सबसे बड़े विदेशी निवेश साबित होंगे. दोनों ही यूनिट्स के मामलों को देख रहे अधिकारी का यह कहना है कि ये परियोजनाएं काफी समय से अटकी पड़ी हुई है और इस बात की भी उम्मीद है कि सितम्बर तक इसे मंजूरी दे दी जाएगी.
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बिहार : चुनाव के नजदीक आते ही कई तरह की योजनाओं में भी पंख लगते हुए दिखाई देते है. इस कड़ी में केंद्र सरकार ने बिहार में रेलवे इंजन तैयार करने वाली 2 मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स को मंजूरी देने का विचार बनाया है. बताया जा रहा है कि ये दोनों ही प्रोजेक्ट्स कई समय से ऐसे ही पड़े हुए है और इनमे करीब 42000 करोड़ रूपये का निवेश भी किया जाना है. साथ ही यह सुचना भी सामने आई है कि इन प्रोजेक्ट्स में शामिल होने के लिए 2 इंटरनेशनल कम्पनियाँ मेहनत कर रही है.
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बिहार : चुनाव के नजदीक आते ही कई तरह की योजनाओं में भी पंख लगते हुए दिखाई देते है. इस कड़ी में केंद्र सरकार ने बिहार में रेलवे इंजन तैयार करने वाली 2 मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स को मंजूरी देने का विचार बनाया है. बताया जा रहा है कि ये दोनों ही प्रोजेक्ट्स कई समय से ऐसे ही पड़े हुए है और इनमे करीब 42000 करोड़ रूपये का निवेश भी किया जाना है. साथ ही यह सुचना भी सामने आई है कि इन प्रोजेक्ट्स में शामिल होने के लिए 2 इंटरनेशनल कम्पनियाँ मेहनत कर रही है.
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