नरसिंहपुर। लगभग ढाई-तीन साल के बालक ने खेलते-खेलते कुकर सिर में फंसा
लिया। जिससे परेशान-हलाकान हुए परिजन ने बच्चे को चिकित्सकों या अस्पताल
में ले जाने के बजाए कटर से कुकर काटकर बच्चे को मुसीबत से निकाला। परिजन
द्वारा किए गए इस जोखिम भरे कार्य में इत्तेफाक था कि बच्चा सकुशल रहा।
घटना सालीचौका के रेता मोहल्ला की है। यहां ढाई-तीन वर्षीय बालक आदित्य पिता सुनील मेहरा अपनी मां के साथ नाना-नानी के घर आया था। दोपहर करीब एक-डेढ़ बजे घर में खेल रहा था। खेलते-खेलते उसने कुकर उठा लिया, सिर में रख लिया और उसे उल्टा कर कैप की तरह सिर में पहन लिया पर जब कुकर निकालने की कोशिश की तो वह सिर में फंस गया। इससे बालक चीखने-चिल्लाने, बिलखने लगा।
बच्चे को रोते- बिलखते और कुकर में सिर फंसा देखकर परिजन के होश फाख्ता हो गए। उन्होंने कुकर निकालने के कई जतन किए, लेकिन जब वह नहीं निकला तो उसे वह चिकित्सकों, अस्पताल में ले जाने की बजाए कुकर को काटने का प्रयास करने लगे। उन्होंने हैक्सा से करीब एक- डेढ़ घंटे में कुकर को काटते हुए दो टुकड़े कर दिया तब बच्चे का सिर आजाद हो सका। जोखिम भरे इस कार्य में बच्चा सकुशल जरूर रहा, लेकिन रो-रो कर बच्चे के बुरे हाल हो गया।
घटना सालीचौका के रेता मोहल्ला की है। यहां ढाई-तीन वर्षीय बालक आदित्य पिता सुनील मेहरा अपनी मां के साथ नाना-नानी के घर आया था। दोपहर करीब एक-डेढ़ बजे घर में खेल रहा था। खेलते-खेलते उसने कुकर उठा लिया, सिर में रख लिया और उसे उल्टा कर कैप की तरह सिर में पहन लिया पर जब कुकर निकालने की कोशिश की तो वह सिर में फंस गया। इससे बालक चीखने-चिल्लाने, बिलखने लगा।
बच्चे को रोते- बिलखते और कुकर में सिर फंसा देखकर परिजन के होश फाख्ता हो गए। उन्होंने कुकर निकालने के कई जतन किए, लेकिन जब वह नहीं निकला तो उसे वह चिकित्सकों, अस्पताल में ले जाने की बजाए कुकर को काटने का प्रयास करने लगे। उन्होंने हैक्सा से करीब एक- डेढ़ घंटे में कुकर को काटते हुए दो टुकड़े कर दिया तब बच्चे का सिर आजाद हो सका। जोखिम भरे इस कार्य में बच्चा सकुशल जरूर रहा, लेकिन रो-रो कर बच्चे के बुरे हाल हो गया।
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