मध्य प्रदेश विधानसभा का विशेष सत्र बुधवार को,लिखी जाएगी भविष्य के विकास की पटकथा
भोपाल। विकसित,आत्मनिर्भर और समृद्ध मध्य प्रदेश,इसी संकल्प के साथ मध्य प्रदेश विधानसभा का एक दिवसीय विशेष सत्र बुधवार को आयोजित किया जा रहा है। इसमें विजन 2047 और अगले तीन वर्षों में प्रदेश के विकास को लेकर किए जाने वाले कामकाज पर गहन मंथन होगा। माना जा रहा है कि यह सत्र प्रदेश की अगले 22 वर्षों की विकास दिशा तय करने वाला साबित हो सकता है।
विपक्ष ने कसी कमर,सरकार को घेरने की तैयारी
विशेष सत्र से पहले नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार की अध्यक्षता में कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई। जिसमें सदन में उठाए जाने वाले मुद्दों पर रणनीति तय की गई। तय कार्यसूची के अनुसार,विकसित,आत्मनिर्भर और समृद्ध मध्य प्रदेश विषय पर सत्ता और विपक्ष के 10-10 विधायक अपने विचार रखेंगे। कांग्रेस ने विषयवार जिम्मेदारियाँ बांटते हुए विधायकों को तथ्यों के साथ सटीक हस्तक्षेप करने के निर्देश दिए हैं।
किसान,युवा,महिला,आरक्षित वर्ग रहेंगे केंद्र में
सूत्रों के मुताबिक, विपक्ष सरकार के पिछले दो वर्षों के कामकाज को कसौटी पर कसेगा। सत्र में प्रदेश की आर्थिक स्थिति, किसान, युवा, महिलाएं और दलित-आदिवासी वर्ग से जुड़े सवाल प्रमुखता से उठाए जाने की तैयारी है। कांग्रेस का इरादा है कि इस एक दिन के सत्र के जरिए सरकार से जवाबदेही तय कराई जाए।
सरकार पेश करेगी विजन 2047 का खाका
वहीं, राज्य सरकार सत्र में विजन 2047 के साथ-साथ आगामी तीन वर्षों के कार्ययोजना और बीते दो साल की उपलब्धियों का विस्तृत ब्यौरा रखेगी। मंगलवार को इसकी तैयारियों को लेकर मंत्रालय में अधिकारी पूरे समय व्यस्त रहे। इधर,विपक्ष के संभावित हमलों का जवाब देने के लिए सत्ता पक्ष ने भी तेजतर्रार और विषय-विशेषज्ञ विधायकों को मोर्चे पर उतारने की तैयारी की है।
75 साल की विधानसभा,विशेष अवसर
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश विधानसभा की पहली बैठक 17 दिसंबर 1956 को हुई थी। इस लिहाज से विधानसभा 75 वर्ष पूरे कर रही है। 16वीं विधानसभा का यह आठवां विशेष सत्र इसी ऐतिहासिक अवसर को ध्यान में रखते हुए बुलाया गया है। जहां परंपरा और भविष्य एक ही मंच पर आमने-सामने होंगे।

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