मध्यप्रदेश स्थापना दिवस समारोह पर भोपाल में गूंजा ‘’अभ्युदय मध्यप्रदेश’’ का उद्घोष
सांस्कृतिक यात्राओं में अपनी पारंपरिक वेशभूषा पहनकर लोक एवं जनजातीय नृत्य कलाकारों को देख लोग बहुत उत्साहित दिखे। यात्राओं के साथ चल रहे अश्व एवं उनके वाद्ययंत्रों को देख युवा वर्गों का आकर्षण देखने को मिला। लोग कलाकारों के साथ सेल्फी लेते नजर आए। लोगों ने मध्यप्रदेश की विविधतापूर्ण संस्कृति को देख सराहना की और समारोह में सहभागिता का आमंत्रण स्वीकार किया।
मध्यप्रदेश के लोक संगीत -नृत्य का प्रदर्शन
सांस्कृतिक यात्रा के अंतर्गत दोपहर 2 बजे भोपाल के विभिन्न रूट से यात्राओं का शुभारंभ हुआ। इसके तहत बैरागढ़ से प्रारंभ होकर लालघाटी चौराहा- हलालपुरा- गुफा मंदिर- द्रौणाचल आर्मी कैंट- एयरपोर्ट रोड़ चौराहा – शाहजहांनाबाद होते हुए यात्रा हमीदिया अस्पताल चौराहा तक पहुंची। इस यात्रा में मालवा का पारंपरिक लोक नृत्य मटकी सुश्री स्वाति उखले एवं साथी, उज्जैन द्वारा प्रस्तुत किया गया। मालवा अंचल का यह पारंपरिक नृत्य शुभ अवसरों पर महिलाओं द्वारा किया जाता है। इसके अलावा अर्जुन बाघमारे एवं साथी, बैतूल ने ठाठ्या नृत्य की प्रस्तुति दी। यह नृत्य दिवाली के अवसर पर गोण्ड जनजाति द्वारा किया जाता है।
शहर की सड़कों में दिखे मध्यप्रदेश के रंग
सीपेट जेके रोड़ से प्रारंभ हुई यात्रा क्वालिटी स्वीट्स पिपलानी- भेल कॉलेज- आइएसबीटी – डीआरएम ऑफिस चौराहा तक पहुंची। इस यात्रा में श्री लालबहादुर घासी एवं साथी, सीधी द्वारा घासी जनजातीय का घसियाबाजा नृत्य की प्रस्तुति दी गई। इसके अलावा संतोष कुमार यादव एवं साथी, सीधी के कलाकारों ने अहिराई नृत्य की प्रस्तुति देते हुए आम नागरिकों स्थापना दिवस समारोह में सहभागिता का आह्वान किया और विविधतापूर्ण संस्कृति से भी परिचित कराया।
कलाकारों का अद्भुत प्रदर्शन
कोलार डीमार्ट से प्रारंभ हुई यात्रा मंदाकिनी चौराहा – सर्वधर्म कॉलोनी निशाल मेगा मार्ट- शाहपुरा चौराहा – बिट्टन मार्केट होते हुए 10 नंबर मार्केट तक पहुंची। जहां बड़ी संख्या में लोगों ने इन नृत्यों को देखा और स्थापना दिवस समारोह के आयोजन से भी परिचित हुए। इसमें मालवांचल का गणगौर लोक नृत्य अनुजा जोशी एवं साथी, खंडवा द्वारा और धुलिया जनजातीय गुदुमबाजा नृत्य श्री तुलेश्वर भार्वे एवं साथी, डिण्डोरी द्वारा प्रस्तुत किया गया।
मार्गों को लोक की संस्कृति और रंगों से सजा दिया
इसी प्रकार सूरज नगर चौराहा से एकांत पार्क चौराहा, 6 नंबर मार्केट से प्रभात चौराहा और अशोका गार्डन से कोहेफिजा चौराहा तक बधाई, अहिराई, ढिमरायाई नृत्य की प्रस्तुतियों ने सम्पूर्ण भोपाल शहर के मार्गों को लोक की संस्कृति और रंगों से सजा दिया।

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