होम को 11माह बाद भूल का अहसास,डीजीपी की रिटायरमेंट फाइल में किया सुधार
भोपाल। गृह विभाग ने प्रदेश के पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना के सेवानिवृत्ति आदेश में करीब 11 माह बाद सुधार किया है। संशोधित आदेश के मुताबिक अब मकवाना नवंबर 2026 तक डीजीपी पद पर बने रहेंगे।
दरअसल, विभाग ने बीते साल 3 जुलाई को जारी एक आदेश में वर्ष 2024 में 60 वर्ष की आयु पूरी करने वाले 17 आईपीएस अफसरों की सेवानिवृत्ति तिथि 31 दिसंबर 2025 निर्धारित की थी। इनमें 16वें क्रम पर वर्तमान डीजीपी मकवाना का नाम भी शामिल था, जबकि उनकी आयु दिसंबर 2024 में 60 वर्ष पूर्ण हो रही है।
दो वर्ष का कार्यकाल अनिवार्य
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार, किसी भी राज्य के पुलिस महानिदेशक का कार्यकाल न्यूनतम दो वर्ष तय है। मकवाना को 1 दिसंबर 2024 को डीजीपी नियुक्त किया गया था, ऐसे में उनका कार्यकाल स्वाभाविक रूप से 30 नवंबर 2026 तक रहेगा।
11 माह की देरी से सुधरी गलती
बीते साल 30 जुलाई को गृह विभाग ने परंपरागत तरीके से जो आदेश जारी किया था, उसमें डीजीपी का रिटायरमेंट इस साल दिसंबर में दिखाया गया था। जबकि मकवाना की नियुक्ति पूर्व डीजीपी सुधीर कुमार सक्सेना के सेवानिवृत्त होने से मात्र एक सप्ताह पहले 23 नवंबर 2024 को तय की गई थी।
उस समय आदेश में सुधार किया जाना चाहिए था, लेकिन विभाग को इसे दुरुस्त करने में लगभग 11 माह लग गए। दिसंबर नजदीक आने पर विभाग को अपनी गलती का एहसास हुआ और उसने समय रहते संशोधन कर लिया, वरना मामला कानूनी पेच में फंस सकता था। गृह विभाग के अतिरिक्त सचिव आशीष भार्गव ने कहा कि डीजीपी बनने पर संबंधित अधिकारी का कार्यकाल दो साल तय है। इसी आधार पर आदेश में सुधार किया गया।

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