इज़रायली हमलों से ईरान-पाकिस्तान बॉर्डर पर बढ़ेगी अस्थिरता
इज़रायल (Israel) और ईरान (Iran) के बीच युद्ध हर दिन गंभीर हो रहा है। इज़रायली हमलों का जवाब देने के लिए ईरान भी इज़रायल पर हमलों से पीछे नहीं हट रहा है। इज़रायली हमलों की वजह से ईरान में कई परमाणु ठिकानों, सैन्य ठिकानों को नुकसान पहुंचा है। ईरानी सेना के कई बड़े अधिकारी, कई परमाणु वैज्ञानिक इस युद्ध की वजह से अब तक मारे जा चुके हैं। इसी अमेरिका (United States Of America) के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) और पाकिस्तान (Pakistan) के आर्मी चीफ और फील्ड मार्शल असीम मुनीर (Asim Munir) की व्हाइट हाउस (White House) में मुलाकात हुई। इस मुलाकात के दौरान मुनीर ने ट्रंप को युद्ध से जुड़े एक गंभीर पहलू के बारे में चेताया।
बॉर्डर पर बढ़ सकती है अस्थिरता
ट्रंप और मुनीर के बीच मुलाकात बुधवार (भारतीय समयानुसार गुरुवार) को मुलाकात हुई। ट्रंप के न्यौते पर ही मुनीर अमेरिका गए और इस दौरान उन्होंने ट्रंप के साथ लंच भी किया और कई अहम विषयों पर चर्चा भी की। इस दौरान मुनीर ने ट्रंप से इज़रायल-ईरान युद्ध के विषय में बात की और उन्हें चेताया कि इस युद्ध की वजह से पाकिस्तान-ईरान बॉर्डर पर आतंकी और अलगाववादी संगठन, ईरान में सत्ता के पतन का फायदा उठाकर क्षेत्र में अपनी गतिविधियों को बढ़ा सकते हैं। इससे पाकिस्तान-ईरान बॉर्डर पर अस्थिरता बढ़ेगी।
आतंकी-अलगाववादी संगठन होंगे मज़बूत
मुनीर ने बताया कि पाकिस्तान और ईरान की बॉर्डर पर लंबे समय से काफी आतंकी-अलगाववादी संगठन एक्टिव हैं। मुनीर ने चिंता जताई है कि इज़रायली हमलों की वजह से ये संगठन मज़बूत होंगे, जिसका असर न सिर्फ ईरान पर, बल्कि पाकिस्तान पर भी पड़ेगा।
सुरक्षा को खतरा
मुनीर ने चिंता जताई है कि इज़रायली हमलों से सिर्फ ईरान को ही नुकसान नहीं हो रहा है, बल्कि पाकिस्तान को सुरक्षा के लिए भी यह खतरा है। ईरान की सत्ता के कमज़ोर होने से वहाँ के आतंकी और अलगाववादी संगठन, पाकिस्तान के आतंकी-अलगाववादी संगठनों के साथ मिलकर दोनों देशों की सुरक्षा के लिए चिंता का विषय बन सकते हैं।
बलूचिस्तान में और बिगड़ सकते हैं हालात
मुनीर ने ट्रंप से बातचीत के दौरान इस बात की भी चिंता जताई कि इज़रायल और ईरान के बीच चल रहे इस युद्ध की वजह से बलूचिस्तान में हालात और बिगड़ सकते हैं। बलूचिस्तान, पाकिस्तान के गले की फांस बन चुका है और पिछले कुछ समय में तो बलूच विद्रोहियों ने पाकिस्तानी सरकार और सेना के लिए काफी मुश्किलें खड़ी की है। ईरान में अगर हालात बिगड़े, तो बलूच विद्रोही भी बलूचिस्तान में सरकार और सेना के खिलाफ इसका फायदा उठा सकते हैं।
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