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सरकार सुगम्य भारत अभियान के माध्यम से दिव्यांगजनों को सशक्त बनाने और उनकी समान भागीदारी सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु

 सरकार सुगम्य भारत अभियान के माध्यम से दिव्यांगजनों को सशक्त बनाने और उनकी समान भागीदारी सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु

राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा है कि वंचित वर्गों के प्रति संवेदनशीलता देश या समाज की प्रतिष्‍ठा निर्धारित करती है। राष्‍ट्रपति भवन में आयोजित पर्पल फेस्‍ट में कल शाम राष्‍ट्रपति  द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि करुणा, समावेशिता तथा सौहार्द्र भारतीय संस्‍कृति और सभ्‍यता के मूल्‍य रहे हैं। पर्पल फेस्‍ट का उद्देश्‍य विभिन्‍न प्रकार की दिव्‍यांगताओं और लोगों के जीवन पर इसके प्रभाव के बारे में जागरुकता बढ़ाना है। इसका लक्ष्‍य समाज में दिव्‍यांगजनों के बारे में समझ-बूझ, स्‍वीकृति और समावेश को बढ़ावा देना भी है।


राष्‍ट्रपति ने कहा कि संविधान की प्रस्‍तावना में सामाजिक न्‍याय, समानता और व्‍यक्ति की गरिमा पर बल दिया गया है। उन्‍होंने इस बात पर प्रसन्‍नता व्‍यक्‍त की कि सरकार सुगम्‍य भारत अभियान के जरिए दिव्‍यांगजनों का सशक्तिकरण और समान भागदारी सुनिश्चित करने के प्रयास कर रही है।

एक दिन का पर्पल फेस्‍ट कल राष्‍ट्रपति भवन के अमृत उद्यान में आयोजित किया गया। इस दौरान दिव्‍यांगजनों की प्रतिभाओं, उपलब्धियों और आकांक्षाओं का उत्‍सव मनाया गया। यह कार्यक्रम सामाजिक न्‍याय और अधिकारिता मंत्रालय के तहत दिव्‍यांजनों के सशक्तिकरण विभाग ने आयोजित किया।

राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मु पर्पल फेस्‍ट देखने गई। उन्‍होंने दिव्‍यांगजनों की सांस्‍कृतिक प्रस्‍तुतियां भी देखी।

सामाजिक न्‍याय और अधिकारिता मंत्री डॉक्‍टर वीरेन्‍द्र कुमार ने पर्पल फेस्‍ट के उद्घाटन सत्र की अध्‍यक्षता की। मीडिया से बातचीत में श्री कुमार ने कहा कि वर्ष 2016 में दिव्‍यांगजन अधिकार अधिनियम के लागू होने से दिव्‍यांगजों की सुगम्‍यता, विश्‍वास और आत्‍मविश्‍वास में महत्‍वपूर्ण वृद्धि हुई है। इससे, दिव्‍यांगजनों का सशक्तिकरण भी सुनिश्चित हुआ है। उन्‍होंने कहा कि इस वर्ष पर्पल फेस्‍ट में 65 हजार लोगों ने पंजीकरण कराया और लगभग 25 हजार ने सक्रिय भागदारी की। आयोजन के दौरान कुमार ने प्रदर्शनी और बिक्री के लिए रखे गए उत्‍पाद देखे। उन्‍होंने आयोजन में शामिल दिव्‍यांगजनों से बातचीत भी की। 


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