....

भारत ने पाकिस्तान को सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देना क्षेत्र में शांति के लिए सबसे बड़ी बाधा बताया

 भारत ने पाकिस्तान को सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देना क्षेत्र में शांति के लिए सबसे बड़ी बाधा बताया

भारत ने कहा है कि पाकिस्तान का सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देना और प्रायोजित करना क्षेत्र में शांति और सुरक्षा के लिए सबसे बड़ी बाधा है। नई दिल्ली में कल शुक्रवार विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि दुनिया को स्‍पष्‍ट रूप से पता है कि वास्‍तविक मुद्दा पाकिस्तान का सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देना और प्रायोजित करना है। उन्होंने कहा कि वास्तव में यही क्षेत्र में शांति और सुरक्षा के लिए सबसे बड़ी बाधा है। कट्टरपंथी और भगौड़े जाकिर नाइक की पाकिस्‍तान में मौजूदगी तथा वहां के प्रमुख नेताओं के साथ उसकी बैठक के मुद्दे पर श्री जायसवाल ने कहा कि यह पहली बार नहीं है, जब पाकिस्‍तान ऐसा कर रहा है। उन्‍होंने कहा कि इससे पता चलता है कि पाकिस्‍तान का रवैया कैसा है और भारत में वांछित लोगों को वह किस तरह का समर्थन देता है।


जाकिर नाइक धनशोधन और हेट-स्‍पीच के आरोपों के कारण भारत में वांछित है और वह पिछले महीने पाकिस्‍तान गया था।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अमरीका की राष्ट्रीय इंटेलीजेंस निदेशक तुलसी गबार्ड से भेंट पर प्रवक्ता जायसवाल ने कहा कि दोनों नेताओं ने सुरक्षा और रक्षा सहयोग पर चर्चा की। प्रवक्ता ने कहा कि सुश्री गबार्ड ने विदेश मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार से भी भेंट की। वार्ताकारों के साथ बैठक में भारत विरोधी तत्वों और अमरीका में अलगाववादी तत्वों की भारत विरोधी गतिविधियों के बारे में चिंता प्रकट की गई।

प्रवक्ता जायसवाल ने कहा कि यूक्रेन-रूस संघर्ष पर भारत का रुख सर्वविदित है। भारत ने संघर्ष के स्थायी समाधान के लिए सदैव दोनों पक्षों और अन्य प्रमुख हितधारकों के बीच संवाद और कूटनीति का समर्थन किया है। संघर्ष में शामिल दोनों पक्षों के साथ-साथ अन्य हितधारकों के साथ भी भारत की बातचीत इस व्यापक दृष्टिकोण के अनुरूप रही है।

भारत-यूरोपीय संघ सहयोग के बारे में प्रवक्ता जायसवाल ने कहा कि यूरोपीय संघ के अध्यक्ष पिछले महीने भारत आए थे। उन्होंने कहा कि भारत के लिए यूरोपीय संघ के साथ रक्षा सहयोग के महत्वपूर्ण क्षेत्र में साझेदारी बढ़ रही है। प्रवक्ता ने कहा कि भारत अपने रक्षा निर्यात को बढ़ावा दे रहा है। उन्‍होंने कहा कि भारत अपने रक्षा निर्यात को प्रोत्‍साहन देने का इच्‍छुक है। प्रवक्ता जायसवाल ने आशा व्‍यक्‍त की कि यूरोपीय संघ और यूरोप के अन्‍य देशों के साथ इस संबंध में और सहयोग से भारत ऐसा कर सकेगा।

Share on Google Plus

click Anonymous

    Blogger Comment
    Facebook Comment

0 comments:

Post a Comment