चार साल बाद 14 जनवरी को मनेगा पर्वकाल, इस साल होगा विशेष फलदायी
मकर संक्रांति पर सालों बाद अमृत मकर योग, कुंभ स्नान के लिए शुभ
इस बार मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी को मनाया जाएगा। इस बार कई दुर्लभ संयोग बन रहे हैं। पंडितों का कहना है कि प्रयाग कुंभ के दौरान आने वाली यह मकर संक्रांति कई मायनों में खास रहेगी, क्योकि इस समय चंद्र स्वराशि कर्क में रहेगा और सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के दौरान अमृत मकर योग बनेगा, जो कई सालों बाद बन रहा है। इस लिहाज से कुंभ स्नान भी विशेष फलदायी होगा। इसी प्रकार इस बार संक्रांति पर्व का पुण्यकाल चार साल बाद 14 जनवरी को मनाया जाएगा। इसके पहले 2021 में मकर संक्रांति 14 जनवरी को आई थी। मकर संक्रांति पर श्रद्धालु उत्तरायण सूर्य को अर्घ्य देकर आराधना करेंगे। सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के साथ ही मकर संक्रांति का आगमन माना जाता है। इस पर सूर्य की उपासना के साथ तीर्थ स्थलों पर दान पुण्य करने का विशेष महत्व है। सूर्य का मकर राशि में प्रवेश 14 जनवरी दोपहर 3:36 बजे होगा, ऐसे में मकर स्नान दोपहर 3:36 से प्रारंभ हो जाएग। इसके पहले 2021 में भी मकर संक्रांति 14 जनवरी को आई थी, जबकि इसके बाद से लगातार इसका पुण्यकाल 15 जनवरी को आ रहा था। इसके साथ ही शहर के गुफा मंदिर सहित अन्य मंदिरों में भी मकर संक्रांति पर्व 14 जनवरी को ही मनाया जाएगा।
144 साल बाद अमृत मकर योग
ज्योतिष मठ संस्थान के पंचांगकार पं. विनोद गौतम का कहना है कि इस बार संक्रांति पर मकर अमृत योग रहेगा, जो 144 साल बाद बन रहा है। इस बार चंद्रमा अपनी स्वराशि कर्क में रहेगा जो अमृत योग बनाएगा वहीं सूर्य के मकर राशि में आने के बाद अमृत मकर योग बनेगा। यह योग 12 पूर्णकुंभ अर्थात 144 साल बाद बन रहा है। इस योग में कुंभ स्नान करना अत्यंत फलदायी रहेगा। जहां तक संक्रांति पर्व 14 जनवरी को मनाने की बात है हर 90 साल में संक्रांति पर्व एक दिन आगे बढ़ जाता है। 1900 से 2000 के बीच संक्रांति पर्व 13 और 14 जनवरी को मनाया जाता था, जबकि 2000 के बाद अब तक अनेक बार संक्रांति 14 और 15 जनवरी को मनाई जा रही है। 2028 को भी यह 14 जनवरी को रहेगी। इसके बाद आने वाले सालों में संक्रांति पर्व 15 जनवरी को होगा। निर्यण राशियां सूर्य से आगे निकल जाती है, ऐसे में 90 सालों में संक्रांति के पर्वकाल में एक दिन का अंतर आता है।
● महोदरी नाम
● वाहन बाघ
● उपवाहन अश्व
● पीत वस्त्र
● चांदी के आभूषण
● गदा लिए हुए
● खीर का भक्षण
● कुमकुम लेपन
● बाल्यावस्था
● आसन पर बैठे हुए
● पश्चिम की ओर गमन
0 comments:
Post a Comment