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अधिकारी वही, जो जनहित के करें कार्य - मुख्यमंत्री डॉ. यादव

 अधिकारी वही, जो जनहित के करें कार्य - मुख्यमंत्री डॉ. यादव

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि अधिकारी वह है, जो जनहित में कार्य करें। इस उद्देश्य से शासकीय सेवा में प्रवेश करना आवश्यक है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी, स्वयं को प्रधान सेवक मानते हैं। मध्यप्रदेश का मंत्रि-मंडल भी परस्पर सहयोग से जनता के सेवक के रूप में कार्य कर रहा है। पद पर आने के बाद हमारे मन में अहंकार नहीं होगा, इस संकल्प के साथ, समाज हित और प्रदेश के विकास के लिए समर्पित होकर अपने दायित्व निर्वहन में आगे बढ़ें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव शुक्रवार को रवीन्द्र भवन में कृषि, पशुपालन और राजस्व विभागों के लिए चयनित 362 शासकीय अधिकारी-कर्मचारियों को नियुक्ति-पत्र वितरण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने युवा अधिकारियों को उनके उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं प्रदान कीं। उन्होंने कहा कि माता-पिता सहित परिवार के सदस्यों की आशा, अपेक्षा और उनके सहयोग के परिणामस्वरूप ही यह उपलब्धि प्राप्त हुई है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने नव चयनित अधिकारियों सहित उनके परिजन को भी बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस उपलब्धि के बाद प्रगति पथ पर निरंतर अग्रसर होने का प्रयास जारी रखें। अधिकारी अपनी क्षमता, योग्यता को पहचानते हुए अपने उत्तरदायित्व का श्रेष्ठतम तरीके से निर्वहन कर स्वयं भी गौरवान्वित हो और शासन को भी गौरवान्वित करें।



256 कृषि विस्तार अधिकारी, 70 सहायक पशु चिकित्सकों और 36 नायब तहसीलदारों को प्रदान किए नियुक्ति पत्र


मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कार्यक्रम में राजस्व मंत्री श्री करण सिंह वर्मा, किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री श्री एदल सिंह कंषाना, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री श्री लखन पटेल उपस्थित थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कृषि विभाग के 256 कृषि विस्तार अधिकारी, पशुपालन एवं डेयरी विभाग के 70 सहायक पशु चिकित्सकों और राजस्व विभाग के 36 नव चयनित नायब तहसीलदारों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए।


दुग्ध उत्पादन को प्रोत्साहित करना राज्य सरकार की प्राथमिकता


मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है, जिसने प्रदेश के सभी जिलों में सायबर तहसील स्थापना की पहल की। यह तकनीक के उपयोग से नागरिक सेवाओं को सुलभ बनाने की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है। देश में दुग्ध उत्पादन में मध्यप्रदेश तीसरे स्थान पर है। हमारा लक्ष्य दुग्ध उत्पादन की क्षमता को 9 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत तक पहुंचाना है। इससे देश के किसानों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। प्रदेश में गौ-माता की बेहतर देखभाल के लिए गौ-शालाओं का विस्तार किया जा रहा है। इसी क्रम में भोपाल सहित सभी बड़े शहरों में 10-10 हजार क्षमता की गौ-शालाएं संचालित करने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। किसानों की आय बढ़ाने में सर्वाधिक महत्वपूर्ण भूमिका दुग्ध उत्पादन की है। किसानों की आय बढ़ाने के प्रयासों में दुग्ध उत्पादन को प्रोत्साहित करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। इससे किसानों को सीधे तत्काल लाभ प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि दस गाय से अधिक गौ-पालन करने वालों को अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा। गाँवों में सड़क, घर-घर नल से जल जैसी सुविधाएं मिलने से गौपालन भी सुविधाजनक हुआ है।

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