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सर्वोच्‍च न्‍यायालय ने कहा निजी संपत्तियां भौतिक संसाधनों का हिस्‍सा नहीं, राज्य उनका अधिग्रहण नहीं कर सकता

 सर्वोच्‍च न्‍यायालय ने कहा निजी संपत्तियां भौतिक संसाधनों का हिस्‍सा नहीं, राज्य उनका अधिग्रहण नहीं कर सकता

सर्वोच्‍च न्‍यायालय ने बहुमत से व्‍यवस्‍था दी है कि सभी निजी सम्‍पत्तियां समुदाय के ऐसे भौतिक संसाधनों का हिस्‍सा नहीं है, जिन्‍हें संविधान के अनुच्छेद 39 बी के अंतर्गत सरकार अनिवार्य रूप से पुनः वितरित कर सके। लेकिन, न्‍यायालय ने यह कहा कि कुछ निजी सम्‍पत्तियां इस श्रेणी के अंतर्गत आ सकती हैं, बशर्ते वे समुदाय के लिए महत्‍वपूर्ण और उपयोगी हों।


प्रमुख न्‍यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्‍यक्षता वाली नौ सदस्‍यों की पीठ ने एक के मुकाबले आठ मतों के बहुमत से यह व्‍यवस्‍था दी। इसके अन्‍य सदस्‍यों में न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय, बी वी नागरत्‍ना और सुधांशु धूलिया भी शामिल थे। न्‍यायमूर्ति नागरत्‍ना ने आंशिक स‍हमति व्‍यक्‍त की, जबकि न्यायमूर्ति धूलिया इस व्‍यवस्‍था से सहमत नहीं थे।

न्‍यायालय के इस निर्णय ने पूर्ववर्ती उन व्यवस्थाओं को रद्द कर दिया, जिनमें निजी संसाधनों को व्‍यापक तौर पर सामुदायिक परिसंपत्तियों में शामिल किया गया था। इसमें कहा गया कि इस मामले में पहले दिये गये वक्‍तव्‍य बाध्यकारी नहीं थे।

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