मुख्य सचिव अनुराग जैन ने शुक्रवार को मंत्रालय में विभागाध्यक्षों, निगम- मंडलों के प्रबंध संचालकों के साथ बैठक कर विकसित मध्यप्रदेश बनाने के संबंध में आवश्यक दिशा- निर्देश दिए। जैन ने अधिकारियों से कहा कि आप सभी सरकार के महत्वपूर्ण अंग हैं। योजनाओं का क्रियान्वयन एवं नियमों का पालन कराना और उसके अच्छे परिणाम आए, उसकी जिम्मेदारी आपकी है।
मुख्य सचिव जैन ने निर्देशित किया कि 1 जनवरी 2025 तक सभी विभागों में ई-ऑफिस प्रणाली लागू हो जाए यह सुनिश्चित करें। ई-ऑफिस से कार्य-प्रणाली में पारदर्शिता और गतिशीलता आयेगी। समय-सीमा में कार्य हो सकेंगे। मुख्य सचिव ने कहा कि सभी विभागीय अधिकारी तकनीक के साथ अपग्रेड रहे।
मुख्य सचिव जैन ने कहा कि विकसित मध्यप्रदेश बनाने के लिए आय के नये स्त्रोत तलाशें। प्रदेश में निवेश बढ़ाने के लिए निवेशकों के साथ लगातार संपर्क करें और अपनी सक्रियता बनाएं रखें। निवेश प्रस्तावों के क्रियान्वयन के लिए निरंतर प्रयासरत रहें। जैन ने न्यायालय में चल रहे प्रकरण, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, प्रसूति सहायता योजना, संबंल योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना सहित प्रदेश में संचालित हो रही अन्य योजनाओं के क्रियान्यवयन में आ रही समस्याओं के संबंध में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि समस्याओं के समाधान के लिए आपस में समन्वय एवं संवाद किया जाये।
मुख्य सचिव जैन ने सीएम हेल्पलाइन में आ रही शिकायतें और लंबित शिकायतों का त्वरित निराकरण करने और प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना अतंर्गत अभियान चलाकर किसानों की ई-केवाईसी कराने के निर्देश दिए।
महत्वपूर्ण योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन एवं योजना के मूल उद्देश्यों की प्राप्ति, सुशासन, सीएम हेल्पलाइन, लोक सेवा गारंटी, समय-सीमा में कार्यों का निष्पादन करना, कार्यों में पारदर्शिता, राजस्व वृद्दि के उपाय, मानव संसाधन प्रबंधन सहित अन्य महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की। बैठक वरिष्ठ अधिकारी आलोक सिंह, अविनाश लवानिया, कुमार पुरुषोत्तम, अभिजीत अग्रवाल, चंद्रमौली शुक्ला, हर्षिका सिंह, प्रियंका दास ने विभागीय समस्या, नवाचार और योजनाओं के क्रियान्वयन के संबंध में जानकारी दी।
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