केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह आज मंगलवार को नई दिल्ली में I4C के प्रथम स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करेंगे और साइबर अपराध से रोकथाम के लिए प्रमुख पहलों का शुभारंभ करेंगे। इस अवसर पर गृह मंत्री साइबर धोखाधड़ी न्यूनीकरण केंद्र (CFMC) राष्ट्र को समर्पित करेंगे। CFMC की स्थापना नई दिल्ली स्थित भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (14सी) में की गई है, जिसमें प्रमुख बैंकों, वित्तीय मध्यस्थों, भुगतान एग्रीगेटर्स, दूरसंचार सेवा प्रदाताओं, आईटी मध्यस्थों और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की कानून प्रवर्तन एजेंसियों के प्रतिनिधि शामिल हैं। ये सभी हितधारक ऑनलाइन वित्तीय अपराधों से निपटने के लिए तत्काल कार्रवाई और निर्बाध सहयोग के लिए मिलकर काम करेंगे। CFMC कानून प्रवर्तन में "सहकारी संघवाद" का एक उदाहरण पेश करेगा।
अमित शाह समन्वय प्लेटफॉर्म (संयुक्त साइबर अपराध जांच सुविधा प्रणाली) का भी शुभारंभ करेंगे। समन्वय प्लेटफॉर्म एक वेब-आधारित मॉड्यूल है जो साइबर अपराध के डेटा संग्रह, डेटा साझाकरण, अपराध मानचित्रण, डेटा विश्लेषण, सहयोग और देश भर में कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच समन्वय के लिए वन स्टॉप पोर्टल के रूप में कार्य करेगा।
इस अवसर पर केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री 'साइबर कमांडो' कार्यक्रम का भी उद्घाटन करेंगे। इस कार्यक्रम के तहत देश में साइबर सुरक्षा परिदृश्य के खतरों का मुकाबला करने के लिए राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों और केन्द्रीय पुलिस संगठनों (CPOs) में प्रशिक्षित 'साइबर कमांडो' की एक विशेष शाखा स्थापित की जाएगी। प्रशिक्षित साइबर कमांडो डिजिटल स्पेस को सुरक्षित करने में राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों और केंद्रीय एजेंसियों की सहायता करेंगे।
अमित शाह Suspect Registry का भी उद्घाटन करेंगे। इस पहल के तहत वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र की धोखाधड़ी जोखिम प्रबंधन क्षमताओं को मजबूत करने के लिए बैंकों और वित्तीय मध्यस्थों के सहयोग से राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) के आधार पर विभिन्न पहचानकर्ताओं की एक संदिग्ध रजिस्ट्री बनाई जा रही है।
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में ये पहल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 'साइबर सुरक्षित भारत' के विज़न को साकार करने में एक मील का पत्थर साबित होंगी। भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) की स्थापना 5 अक्टूबर, 2018 को गृह मंत्रालय के साइबर और सूचना सुरक्षा प्रभाग (CIS डिवीजन) के तहत केन्द्रीय क्षेत्र योजना के तहत की गई थी। इसका प्राथमिक उद्देश्य देशभर में साइबर अपराध से संबंधित सभी मुद्दों के समाधान के लिए एक राष्ट्रीय स्तर का समन्वय केंद्र स्थापित करना था। I4C का उद्देश्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों की क्षमताओं को बढ़ाना और साइबर अपराध से निपटने वाले विभिन्न हितधारकों के बीच समन्वय में सुधार करना है। 10 जनवरी, 2020 को नई दिल्ली में I4C मुख्यालय का उद्घाटन हुआ और इसे राष्ट्र को समर्पित किया गया। एक स्थायी संस्थागत रूप देने और योजना चरण के दौरान प्राप्त ज्ञान के आधार पर 1 जुलाई, 2024 से I4C को गृह मंत्रालय के तहत एक संलग्न कार्यालय के रूप में नामित किया गया है।
नई दिल्ली के विज्ञान भवन में मंगलवार को आयोजित होने वाले कार्यक्रम में केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री बंडी संजय कुमार, केन्द्रीय गृह सचिव गोविन्द मोहन, निदेशक आईबी, विशेष सचिव (आंतरिक सुरक्षा), भारत के राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक/वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, विभिन्न सरकारी संगठनों के अधिकारी, विभिन्न बैंकों/वित्तीय मध्यस्थों, फिनटेक, मीडिया, साइबर कमांडो, NCC और NSS कैडेट शामिल होंगे।
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