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पैरालंपिक्स खेलों का भव्य समारोह के साथ हुआ समापन, 7 स्वर्ण सहित कुल 29 पदकों पर भारत ने जमाया कब्जा

 


पेरिस पैरालंपिक 2024 में रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन के बाद भारत का सफर समाप्त हो गया है। फ्रांस के पेरिस में पैरालंपिक्स खेलों का भव्य समारोह के साथ समापन हुआ। तेज वर्षा के बावजूद बड़ी संख्या में लोगों ने संगीत कार्यक्रमों का आनंद उठाया। पेरिस पैरालंपिक में पूरे विश्व के 168 पैरालंपिक डेलीगेशन के 4 हजार 400 से अधिक खिलाड़ियों ने भाग लिया। पेरिस पैरालंपिक में भारत ने ऐतिहासिक प्रदर्शन किया है। अबकी बार भारत ने रिकॉर्ड 29 पदक हासिल किए। इसमें 7 स्वर्ण, 9 रजत और 13 कांस्य पदक हैं। इससे पिछले सारे रिकॉर्ड्स ध्वस्त हो गए हैं। इससे पहले टोक्यो पैरालंपिक में भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था। टोक्यो पैरालंपिक 2020 में भारत ने 5 स्वर्ण, 8 रजत और 6 कांस्य पदक समेत कुल 19 पदक जीते थे। भारत ने इस बार पैरालिंपिक में भाग लेने के लिए 84 एथलीटों का अपना अब तक का सबसे बड़ा दल भेजा था। 


भारतीय खिलाड़ियों ने इस बार पैरा एथलेटिक्स में सबसे ज्यादा 17 पदक जीते हैं। इसमें चार स्वर्ण भी शामिल हैं। इसके बाद दूसरा नंबर पैरा बैडमिंटन का रहा। इसमें भारत ने एक स्वर्ण समेत 5 पदक जीते। पैरा शूटिंग में भारत को एक स्वर्ण समेत 4 पदक हासिल हुए। पैरा आर्चरी में भारत ने एक स्वर्ण समेत 2 पदक और पैरा जूडो में 1 कांस्य पदक जीता।


अंतर्राष्ट्रीय पैरालिंपिक समिति के अध्यक्ष ऐंड्रयू पार्सन ने कहा कि फ्रांस ने भविष्य के पैरालिंपिक खेलों के लिये एक मानक स्थापित किया है। पेरिस के मेयर ने पैरालंपिक ध्वज पार्सन को सौंपा जिन्होंने इसे लॉस एंजिल्स के मेयर को हस्तांतरित कर दिया। अगले पैरालंपिक खेलों का आयोजन 2028 में लॉस एंजिल्स में होना है। भारतीय दल ने इस वर्ष पैरालंपिक में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और 7 स्वर्ण, 9 रजत और 13 कांस्य सहित कुल 29 पदकों पर कब्जा किया।



पैरालिंपिक के इतिहास पर नजर डालें तो 1968 से लेकर 2016 के दौरान भारतीय खिलाड़ियों ने पैरालंपिक गेम्स में सिर्फ 12 पदक जीते थे लेकिन इसके बाद पैरालंपिक गेम्स में भारतीय खिलाड़ियों ने उड़ान भरी। टोक्यो पैरालंपिक 2020 में भारतीय खिलाड़ियों ने 19 और मैजूदा पेरिस पैरालंपिक में 29 पदक जीते हैं, जिसका कुल योग 48 होता है। पैरालंपिक गेम्स में भारत की यह एतिहासिक उड़ान काफी मायने रखती है।


पेरिस पैरालंपिक 2024 में भारत को पहला पदक स्टार शूटर अवनि लेखरा ने दिलाया, जो स्वर्ण पदक के रूप में आया। इसके बाद नितेश कुमार (पैरा बैडमिंटन), सुमित अंतिल (पैरा एथलेटिक्स), हरविंदर सिंह (पैरा तीरंदाजी), धर्मबीर (पैरा एथलेटिक्स), प्रवीण कुमार (पैरा एथलेटिक्स) और नवदीप सिंह ने (पैरा एथलेटिक्स) भी स्वर्ण पदक जीता है। भारतीय खिलाड़ियों ने 7 स्वर्ण, 9 रजत और 13 कांस्य पदक समेत कुल 29 पदक हासिल किए। 29वां पदक पैरा एथलीट नवदीप सिंह ने मेन्स जैवलिन थ्रो एफ41 में दिलाया, जो स्वर्ण के रूप में रहा। इस तरह भारत का पहला और आखिरी पदक स्वर्ण पदक के रूप में रहा। पहली बार भारत ने पैरालंपिक गेम्स में इतने ज्यादा स्वर्ण पदक जीते हैं। इससे पहले भारतीय खिलाड़ियों ने टोक्यो पैरालंपिक में 5 स्वर्ण पदक जीते थे।


अवनि लेखरा (पैरा शूटिंग)- स्वर्ण पदक, आर2 वूमेन्स 10 मीटर एयर राइफल (एसएच1), मोना अग्रवाल (पैरा शूटिंग)- कांस्यपदक, वूमेन्स 10 मीटर एयर राइफल (एसएच1), प्रीति पाल (पैरा एथलेटिक्स)- कांस्य, वूमेन्स 100 मीटर रेस (टी35), मनीष नरवाल (पैरा शूटिंग)- रजत पदक, मेन्स 10 मीटर एयर पिस्टल (एसएच1), रुबीना फ्रांसिस (पैरा शूटिंग)- कांस्य पदक, वूमेन्स 10 मीटर एयर पिस्टल (एसएच1), प्रीति पाल (पैरा एथलेटिक्स)- कांस्य पदक, वूमेन्स 200 मीटर रेस (टी35), निषाद कुमार (पैरा एथलेटिक्स)-रजत पदक, मेन्स हाई जंप (टी47), योगेश कथुनिया (पैरा एथलेटिक्स)- रजत पदक, मेन्स डिस्कस थ्रो (एफ56), नितेश कुमार (पैरा बैडमिंटन)-स्वर्ण पदक, मेन्स सिंगल्स (एसएल3), मनीषा रामदास (पैरा बैडमिंटन)- कांस्य पदक, वूमेन्स सिंगल्स (एसयू5), थुलासिमथी मुरुगेसन (पैरा बैडमिंटन)-रजत पदक, वूमेन्स सिंगल्स (एसयू5), सुहास यथिराज (पैरा बैडमिंटन)-रजत पदक, मेन्स सिंगल्स (एसएल4), शीतल देवी-राकेश कुमार (पैरा तीरंदाजी)- कांस्य पदक, मिक्स्ड कंपाउंड ओपन, सुमित अंतिल (पैरा एथलेटिक्स)-स्वर्ण पदक, मेन्स जैवलिन थ्रो (एफ64), नित्या श्री सिवन (पैरा बैडमिंटन)- कांस्य पदक, वूमेन्स सिंगल्स (एसएच6), दीप्ति जीवनजी (पैरा एथलेटिक्स)- कांस्य पदक, वूमेन्स 400 मी. (टी20), मरियप्पन थंगावेलु (पैरा एथलेटिक्स)- कांस्य पदक, मेन्स हाई जंप (टी63), शरद कुमार (पैरा एथलेटिक्स)- रजत पदक, मेन्स हाई जंप (टी63), अजीत सिंह (पैरा एथलेटिक्स)- रजत पदक, मेन्स जैवलिन थ्रो (एफ46), सुंदर सिंह गुर्जर (पैरा एथलेटिक्स)- कांस्य पदक, मेन्स जैवलिन थ्रो (एफ46), सचिन सरजेराव खिलारी ( पैरा एथलेटिक्स)- रजत पदक, मेन्स शॉट पुट (एफ46), हरविंदर सिंह (पैरा तीरंदाजी)- स्वर्ण पदक, मेन्स इंडिविजुअल रिकर्व ओपन, धर्मबीर (पैरा एथलेटिक्स)- स्वर्ण पदक, मेन्स क्लब थ्रो (एफ51), प्रणव सूरमा (पैरा एथलेटिक्स)- रजत पदक, मेन्स क्लब थ्रो (एफ51), कपिल परमार (पैरा जूडो)- कांस्य पदक, मेन्स 60 किलो (जे1), प्रवीण कुमार (पैरा एथलेटिक्स)- स्वर्ण पदक, मेन्स हाई जंप (टी44), होकाटो होटोजे सेमा (पैरा एथलेटिक्स)- कांस्य पदक, मेन्स शॉट पुट (एफ57), सिमरन शर्मा (पैरा एथलेटिक्स)- कांस्य पदक, वूमेन्स 200 मीटर (टी12), नवदीप सिंह (पैरा एथलेटिक्स)- स्वर्ण पदक, मेन्स जैवलिन थ्रो (एफ41)।

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