पीएम मोदी ब्रुनेई और सिंगापुर की ऐतिहासिक यात्रा पर रवाना हुए। भारत के लिए ब्रुनेई यात्रा खास होने जा रही है क्योंकि यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली द्विपक्षीय यात्रा होगी और यह दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 40वीं वर्षगांठ के अवसर पर हो रही है।
पीएम मोदी ने यात्रा प्रारंभ करने से पहले एक्स हैंडल पर लिखा है, ” भारत-ब्रुनेई दारुस्सलाम राजनयिक संबंधों के गौरवशाली 40 वर्ष पूरे। मैं ब्रुनेई के सुल्तान हाजी हसनल बोलकिया से मिलने के लिए उत्सुक हूं। साथ ही सिंगापुर और भारत प्रमुख क्षेत्रों में संबंधों को और मजबूत करने के इच्छुक हैं।”
पीएम मोदी आज से ब्रुनेई और सिंगापुर की तीन दिवसीय यात्रा पर रहेंगे। पीएम के विदेश रवाना होने की पूर्व संध्या पर विदेश मंत्रालय में सचिव (पूर्व) जयदीप मजूमदार ने नई दिल्ली में बताया कि ब्रुनेई के सुल्तान हाजी हसनल बोलकिया के निमंत्रण पर तीन और चार सितंबर को ब्रुनेई की यात्रा पर होंगे। उन्होंने कहा कि यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की ब्रुनेई की पहली द्विपक्षीय यात्रा होगी।
पीएम मोदी ब्रुनेई के साथ भारत के द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं पर चर्चा करेंगे और ब्रुनेई के साथ सहयोग के नए क्षेत्रों के अवसर भी तलाशेंगे। भारत, ब्रुनेई के साथ मधुर और मैत्रीपूर्ण संबंध साझा करता है और इसमें रक्षा, व्यापार और निवेश, ऊर्जा, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य, क्षमता निर्माण, संस्कृति और लोगों के बीच आपसी संपर्क जैसे कई क्षेत्र शामिल हैं। उन्होंने कहा कि ब्रुनेई भारत की ‘एक्ट ईस्ट नीति’ और हिंद-प्रशांत के लिए उसके दृष्टिकोण में एक महत्वपूर्ण साझेदार है।
पीएम मोदी अपने दौरे के दूसरे चरण में सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग के निमंत्रण पर चार और पांच सितंबर को सिंगापुर की यात्रा करेंगे। दोनों नेता भारत-सिंगापुर रणनीतिक साझेदारी की प्रगति की समीक्षा करेंगे और आपसी हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचार विमर्श करेंगे। सिंगापुर आसियान में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और यह प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का प्रमुख स्रोत है।
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