आशुतोष ने तीन आतंकी को किया था ढेर, राष्ट्रपति ने किया सम्मानित
छिंदवाड़ा. अदम्य साहस और आतंकियों से लोहा लेने वाले आनंदम टाउनशिप निवासी सीआरपीएफ में जम्मू एवं कश्मीर के श्रीनगर में उप कमाण्डेंट के पद पर तैनात आशुतोष वरदेय को ‘वीरता पदक’ से सम्मानित किया गया है। उन्हें यह सम्मान स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किया गया। छिंदवाड़ा के वीर सपूत आशुतोष ने 30 अगस्त 2022 को जिला-शोपियां (जम्मू एवं कश्मीर) के जैनापोरा पुलिस स्टेशन के होशंगपुरा इलाके में आतंकवादियों के संदिग्ध मूवमेंट की खबर सीआपीएफ की 178 बटालियन में तैनात आशुतोष वरदेय को मिली। खबर मिलते ही उन्होंने तुरन्त ही कार्डन एवं सर्च अभियान की सटिक योजना बनाई एवं अपनी कमाण्डो टीम को तैयार कर संदिग्ध इलाके की घेराबन्दी शुरू कर दी।
अभेद्य घेराबन्दी सुनिश्चित करने के पश्चात जैसे ही टारगेट हाउस की ओर आशुतोष वरदेय अपनी सर्च टीम के साथ आगे बढ़ रहे थे तभी घर के अन्दर छिपे आतंकवादियों ने अपने को घिरा हुआ देख इनकी टीम पर ऑटोमेंटिक वेपन (एके-47) से अंधाधुध गोलीबारी शुरू कर दी। साथ ही इनकी टीम पर हथगोले फेके, इस दौरान जमीनी आड़ एवं पेड़ों के पीछे कमाण्डर आशुतोष स्वयं एवं टीम का बचाव करते हुए दुश्मनों के खिलाफ मुंहतोड़ जबावी कार्रवाही करने लगे। इस वीभत्स एनकाउण्टर के दौरान दुश्मनों की गोलियां पेड़ों को छील रही थी, फिर भी अपनी जान की परवाह किए बिना आशुतोष वरदेय अपनी कमाण्डों टीम के साथ आगे बढ़ते रहे एवं दुश्मनों को करारा जबाव दिया। तभी 2 आतंकियों ने घर की खिडक़ी से बाग की तरफ भागने की कोशिश की। इस मौके को कमाण्डर ने अपने हाथों से जाने नही दिया एवं कुशल रणकौशल एवं अदम्य साहस का परिचय देते हुए भागते हुए दोनों आतंकियों को आमने-सामने की लड़ाई में मार गिराया। यह एनकाउण्टर देर रात तक जारी रहा एवं कुछ समय बाद तीसरा आतंकवादी भी मारा गया। पूरे अभियान के दौरान आशुतोष वरदेय के कुशल नेतृत्व में 3 आतंकवादियों को मौत के घात उतारा गया एवं भारी मात्रा में हथियार एवं गोला-बारूद जब्त किया गया। इस सफल ऑपरेशन में आशुतोष वरदेय द्वारा प्रदर्शित असाधारण वीरता, अदम्य साहस एवं कुशल रणकौशल एवं जान की परवाह किए बिना आतंकवादियों को मार गिराने के लिए इन्हें वीरता पदक दिया गया।
0 comments:
Post a Comment