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बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व सांसद स्वर्गीय प्रभात झा को भाजपा प्रदेश कार्यालय में अर्पित की गई भावपूर्ण श्रद्धांजलि

 


भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व सांसद स्व. प्रभात झा के देवलोकगमन पर मंगलवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय में आयोजित शोकसभा में भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी गई। शोकसभा को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य सुरेश सोनी ने कहा कि स्व. प्रभात झा को सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि उनकी तरह सच्चे कार्यकर्ताओं का निर्माण और संगठन तैयार किए जाएं। भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश ने कहा कि एक श्रेष्ठ विचारक, कुशल संगठन हमारे बीच नहीं रहे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि स्व. प्रभात झा कुशल संगठक थे, घर जाकर मंडल के कार्यकर्ताओं से मिलते थे, यह संगठन निर्माण की अद्भुत कौशल शक्ति थी। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व खजुराहो सांसद विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि एक कुशल संगठक कैसा होना चाहिए, प्रभात झा से सीखा जा सकता है। केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि स्व. प्रभात झा ने देश, समाज और विचार के लिए अपना जीवन जिया है। भाजपा के प्रदेश प्रभारी डॉ. महेन्द्र सिंह ने कहा कि स्व. प्रभात झा ने लोकसभा चुनाव में मुझे अभिभावक की तरह मध्यप्रदेश के संबंध में बताया था। भाजपा प्रदेश सह प्रभारी सतीश उपाध्याय ने कहा कि कार्यकर्ताओं को कैसे कार्य करना चाहिए, स्व. प्रभात झा के जीवन से सीखना चाहिए। मध्यप्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कभी कल्पना नहीं कि थी प्रभात झा इतनी जल्दी हम सबको छोडकर चले जाएंगे। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा स्व. प्रभात के जो दिल में होता था, वही उनके स्वर में होता था।


राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य सुरेश सोनी ने कहा कि स्व. प्रभात झा अल्प समय में चले गए। अल्प समय में निधन पर तकलीफ थोड़ी ज्यादा होती है। कोई व्यक्ति मूलतः अच्छा हो, समय आने पर उसे सभी पार्टी और समाज के लोग अच्छा ही कहते हैं, इसी प्रकार के व्यक्तित्व थे प्रभात झा। प्रभात झा को सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि उनकी तरह सच्चे कार्यकर्ताओं का निर्माण और संगठन तैयार किए जाएं। स्व. प्रभात झा एक अच्छे पत्रकार, कुशल संगठन, विचारक होने के साथ लाभ-हानि को सोचे बिना, जो मन में होता था, वही बोल देते थे। वे पत्रकार भी विशेष थे, खोजी पत्रकारिता, समाचारों का विश्लेषण करने के साथ सामाजिक सक्रियता भी बनाए रखने की उनमें विलक्षण क्षमता थी। ग्वालियर क्षेत्र में व्यापक संपर्क होने से उस क्षेत्र के सभी नेता उनसे संपर्क में रहते थे। जिन परिस्थितियों में वह जीवन यापन कर यहां तक पहुंचे। वह एक अच्छा और आदर्श कार्यकर्ता ही हो सकता है। प्रभात झा स्व. कुशाभाऊ ठाकरे की तरह आदर्श कार्यकर्ता निर्माण करने, संगठन को गढ़ने के साथ आदर्श और समग्र जीवन जीया है।


सुरेश सोनी ने कहा कि प्रभात झा परंपरा के प्रवाह में कभी दायित्व में रहे, कभी नहीं  रहे। लेकिन बिना दायित्व के भी वे अपने संगठन, पार्टी के लिए हमेशा सक्रिय रूप से कार्य करते रहे। एक अच्छा कार्यकर्ता कैसा होना चाहिए, स्व. प्रभात झा के जीवन से सीखना चाहिए। स्व. कुशाभाऊ ठाकरे उन्हें ग्वालियर से भोपाल लाए और पार्टी में मीडिया की जिम्मेदारी सौंपी। प्रभात झा ने भोपाल में भाजपा का मीडिया सेंटर स्थापित किया। इसके बाद राजनाथ सिंह ने प्रदेश अध्यक्ष रहते लखनऊ बुलाया, वहां मीडिया सेंटर की स्थापना हुई। वे कभी भी पद के कारण सक्रिय नहीं रहे, एक कार्यकर्ता को कैसे कार्य करना चाहिए यह प्रभात झा के जीवन से सभी को सीखना चाहिए।


भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश ने कहा कि 2002 में उत्तराखंड के चुनाव के समय से मेरा और प्रभात जी का संबंध है। उनके अस्वस्थ होने से पूर्व एक बहुत ही प्रेरणादायी व्हाट्सएप मैसेज उनका मुझे प्राप्त हुआ था, जिसमें मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव से पूर्व प्रदेश के अंदर सभी वरिष्ठ कार्यकर्ताओं का किस प्रकार से प्रवास हो और कैसे सबको संभाला जाए। उनके सुझाव के आधार पर हम लोगों ने योजना बनाई थी। एक कुशल राजनेता, प्रखर पत्रकार, श्रेष्ठ विचारक एवं कुशल संगठक हमारे बीच नहीं रहे। स्व. प्रभात झा ने संगठन में रहते हुए कार्यकर्ताओं के निर्माण का जो कार्य किया है, वह बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने अपना पूरा जीवन पत्रकारिता, फिर संगठन को मजबूत बनाने, पार्टी  कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए लगाया है। प्रभात झा ने हमेशा सार्वजनिक जीवन में एक आदर्श स्थापित किया, प्रदेश भर में भ्रमण कर उन्होंने संगठन को मजबूती प्रदान की और कार्यकर्ताओं को पहचान कर उन्हें गढ़ने का कार्य किया है। एक कुशल संगठक में जो गुण होने चाहिए, वह सभी स्व. प्रभात झा में थे। मैं अपनी ओर से, भारतीय जनता पार्टी केंद्र की ओर से, राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा की ओर से उनके श्रीचरणों में अपनी श्रद्धांजलि निवेदित करता हूं और परमात्मा से प्रार्थना करता हूं कि उनको अपने श्री चरणों में स्थान दें।


मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने श्रद्वेय प्रभात को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि आज इस सभा में सभी ने स्वर्गीय प्रभात जी के साथ अपने-अपने संबंध साझा किए। सब उनको स्मरण कर रहे हैं। मैं भी उनके साथ अलग-अलग दायित्व में रहा। जब-जब उनसे मिलता था, एक अलग ही ताकत पाता था और इसका ऐहसास भी होता था। जब वह पहली बार प्रदेश अध्यक्ष बनकर आए तो उन्होंने एक नया क्रम चालू किया कि प्रत्येक मंडल अध्यक्ष के घर पर जाकर मिलकर आना है। तब मुझे शुरू में अटपटा लगा, लेकिन बाद में ध्यान में आया कि यह उनका कार्यकर्ताओं के साथ खड़े होने का अनुपम संस्कार है। पैर में घाव होने पर भी वह पॉलिथीन लपेटकर महाकाल मंदिर में बाबा के दर्शन करने जाया करते थे। मुख्यमंत्री बनने के बाद मुख्यमंत्री निवास में पहुंचकर उन्होंने मेरा एक अभिभावक की तरह मागदर्शन किया और उनका हमारे बीच से चला जाना अत्यंत पीड़ा दायक है। ऐसे श्रेष्ठ कार्यकर्ता की कमी-कभी पूरी नहीं की जा सकेगी। बाबा महाकाल प्रभात को मोक्ष प्रदान करें।


भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व खजुराहो सांसद विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि आज भी मेरा मन नहीं मानता कि प्रभात झा अब हमारे बीच नहीं हैं। प्रभात झा जब बीमार हुए उससे 5 दिन पहले मुझे उनका फोन आया कि तुम कहां हो, मिलना है। मैंने कहा कि प्रदेश कार्यालय में हूं, मैं यहां से निकलकर आपके निवास आकर मुलाकात करता हूं, लेकिन उन्होंने कहा कि मैं मिलने आऊंगा। वे मेरे निवास आए और आधे घंटे तक हुई बैठक में विभिन्न विषयों पर बात हुई। मेरा संबंध स्व. प्रभात झा से 1990 में कॉलेज का विद्यार्थी रहते समय हुआ था। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में रहते हुए मैं उनके मुलाकात करने उनके निवास जाया करता था। स्व. प्रभात झा ऐसे संगठक थे कि एक व्यक्ति को कैसे तैयार किया जाता है, यह मैंने उनको कार्यकर्ताओं को तैयार करते हुए देखा है। वे छोटी सी लूना से चलते थे। अपनी मेहनत व श्रम से यहां तक पहुंचना कोई सामान्य बात नहीं है। पूरे देश के साथ दुनियाभर में आज उनके तैयार किए हुए कार्यकर्ता, समर्थक उन्हें याद कर रहे हैं। पार्टी में मंडल स्तर तक वे प्रवास करते थे। प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए इतना निचले स्तर तक प्रवास करना कार्यकर्ता निर्माण और संगठन को मजबूत बनाने का उनका ही कौशल था।


भाजपा प्रदेश अध्यक्ष शर्मा ने कहा कि जब मैं विद्यार्थी परिषद में था, विज्ञप्ति देने स्वदेश समाचार पत्र के ग्वालियर कार्यालय जाता था, तब स्व. प्रभात झा सिखाते थे कि कैसे विज्ञप्ति तैयार करना है। कार्यकर्ता से सीधा बात कर उन्हें तैयार करना उन्होंने ही हम सबको सिखाया है। हम अगर किसी से नाराज हो सकते थे तो वह थे स्व. प्रभात झा। यह उनका स्नेह ही था कि हम नाराज हो जाते थे, वे समझाते थे कि किस तरह से कार्य करना है। उन्होंने लाखों कार्यकर्ताओं के लिए जो कार्य किया है वह उदाहरण के तौर पर हम सबके सामने है। स्व. प्रभात झा आप ने हम सबको जो पाथेय दिया है, उसके लिए भारतीय जनता पार्टी मध्यप्रदेश के एक-एक कार्यकर्ता, प्रत्येक बूथ के कार्यकर्ता की ओर से मैं उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। उनके निधन से मध्यप्रदेश भाजपा के कार्यकर्ताओं, भाजपा परिवार पर जो वज्रपात हुआ है, भगवान उसे सहन करने की शक्ति दे। वैसे तो स्व. प्रभात झा परिवार से ऊपर थे, लेकिन भगवान उनके परिवार को भी यह दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करें।


केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अपने लिए तो सब जीते हैं। कीट पतंगे भी जीते हैं, पशु पक्षी भी जीते हैं, अपने लिए जिए तो क्या जिए। स्वर्गीय प्रभात झा ने देश, समाज और विचार के लिए अपना जीवन जिया। हर काम कैसे सफल हो यह तड़प उनके अंदर थी। वह सचमुच के एक व्यक्ति नहीं, बल्कि एक संस्था थे। वे एक मौलिक चिंतक, राष्ट्रवादी विचारक थे। उसकी प्लानिंग और अनेक स्मृतियां मेरे हृदय में हैं। प्रदेश अध्यक्ष के नाते हर मंडल अध्यक्ष से उनका सीधा संवाद होता था। कार्यकर्ताओं को प्रेरित करते हुए एक दिन में कई मंडलों की बैठक और कार्यकर्ताओं से संवाद करते रहे। जो काम में नहीं लगे उनको कम लगते थे, मुझे कई आईडिया देते थे कि यह करना चाहिए। दिन और रात केवल काम कैसे बेहतर हो इसकी चिंता उन्होंने सदैव की। दिल्ली इलाज के लिए ले गए तब भी लगता था कि जल्दी स्वस्थ होंगे फिर वापस लौटेंगे। आत्मा तो अजर अमर है। शास्त्र काट नहीं सकते, आग जला नहीं सकती, पानी गीला नहीं कर सकता, हवा सुख नहीं सकती। अजर, अमर अविनाशी शाश्वत सनातन और सच्चिदानंद यानी सच्चिदानंद यह वास्तविक स्वरूप है और इस रूप में प्रभात जी सदैव हमारे बीच रहेंगे और हमें प्रेरणा देते रहेंगे। जितने पत्र प्रभात झा ने लिखे हैं, उतने पत्र किसी ने भी नहीं लिखे होंगे। मैं युवा मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद क्रांति मसल यात्रा निकलने वाला था, उसके लिए प्रभात झा ने पत्रकार रहते हुए हजारों कार्यकर्ताओं को पत्र लिखकर यात्रा को सफल बनाने के लिए कार्य किया। युवा मोर्चा की ग्वालियर में एक सभा थी, उसे सफल बनाने के लिए बिना कहे प्रभात झा ने कार्यकर्ताओं को लगाकर कार्य किया। उन्होंने एक कुशल संगठक के रूप में अमिट छाप छोड़ी है। उन्होंने अपने स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं दिया। उनके पांव में घाव हो गया था, मैं पकड़कर उन्हें अस्पताल लेकर गया। 2013 के विधानसभा चुनाव में दिनरात कार्य में लगे रहे, सरकार व संगठन का कामकाज कैसे अच्छा हो, इसके लिए हमेशा मागर्दशन करते रहे। प्रभात झा सचमुच एक उजास थे, कुसल संगठन के रूप में हजारों कार्यकर्ता तैयार किए। भले ही वे आज भौतिक शरीर से नहीं हैं, लेकिन आत्मा अजर, अमर है, हमेशा हमारे बीच रहेंगे। उनके किए गए कार्यों से प्रेरणा लेकर जीवन को और सार्थक बनाएं। उनके चरणों में विनम्र श्रद्धांजलि।


भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रभारी डॉ. महेंद्र सिंह ने कहा कि महान पुरूष आते हैं और अपने पद चिन्ह छोड़कर चले जाते हैं। 2007 में स्व. प्रभात झा का मुझे सानिध्य मिला। मैं उत्तर प्रदेश में महामंत्री था, चुनाव की दृष्टि से स्व. प्रभात झा जी पार्टी का कार्य करने लखनऊ आए थे। एक छोटे से कमरे में रहते थे और चुनाव में किस प्रकार कार्य करना है, कार्यकर्ताओं को कैसे कार्य पर लगाएं रखना है, यह बताते थे। मीडिया से लेकर सभी कामों को देखते थे। अचानक एक दिन रात करीब एक बजे उनका फोन आया कि तबियत ठीक नहीं है। मैं तुरंत कार्यालय पहुंचा और उनको लेकर अस्पताल गया। आधे घंटे में उनका स्वास्थ्य सामान्य हुआ, मैं तीन बजे रात तक अस्पताल में बैठा था। दो दिन बाद उनको अस्पताल से छुट्टी मिली। इस दौरान सौदान सिंह भी साथ थे। 2004-2005 में मैं राष्ट्रीय मंत्री बना, वे उपाध्यक्ष थे। उन्होंने मुझे घर बुलाया, एक अभिभावक की तरह बहुत सारी बातें बताईं। लोकसभा चुनाव के दौरान मैं उनसे ग्वालियर में घर जाकर मुलाकात की। मैं और स्व. प्रभात झा  ट्रेन से ग्वालियर से भोपाल तक साथ में आए, इस दौरान पूरे रास्ते में उन्होंने हमें मध्यप्रदेश के संबंध में जानकारी दी और एक पत्रकार, शब्दकार, पूर्व सांसद और अभिभावक जिस तरह से चुनाव की दृष्टि से समझाना चाहिए, बताया। प्रभात झा एक संरक्षक, एक पत्रकार, एक स्वयंसेवक, कुशल संगठनकर्ता, प्रदेश अध्यक्ष, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, सांसद के रूप में कार्य करते रहे। मेरे पास उनके लिए शब्द नहीं है। वे अतुलनीय थे, उनकी यादें अविस्मरीण हैं। मैं अपनी ओर से उन्हें भावांजलि, श्रद्धांजलि और पुष्पांजलि अर्पित करता हूं।


भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश सह प्रभारी सतीश उपाध्याय ने कहा कि जब मैं दिल्ली प्रदेश का  अध्यक्ष था तो स्वर्गीय प्रभात झा केन्द्र की तरफ से हमारे प्रभारी थे। तब कैसे कार्यकर्ताओं, पत्रकारों के साथ समन्वय करना है, किस प्रकार से कठोर और स्पष्ट निर्णय लेने हैं, यह छोटी-छोटी बारीकियां हमेशा एक अभिभावक के रूप में हमेशा उनसे सीखने का अवसर प्राप्त किया। डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी न्यास में कमल संदेश के संपादक के रूप में कार्य करते हुए उनका मार्गदर्शन हमेशा हमको मिलता रहता था। लोकसभा चुनाव के दौरान मुझे उनके ग्वालियर स्थित निवास जाना हुआ और उन्होंने अपने पुस्तकालय में ले जाकर जो नई किताबें लिख रहे हैं उसके बारे में हमको जानकारी दी और कार्यकर्ताओं को कैसे कार्य करना चाहिए उसके बारे में पुस्तक भी मुझे दी थी। ऐसी अनेकों स्मृतियां प्रभात जी के साथ हैं। स्वर्गीय प्रभात झा हमारे बीच में नहीं हैं, लेकिन उनके चिर स्मृतियों के साथ अपनी तरफ से श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।


मध्यप्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कभी जीवन में यह कल्पना नहीं की थी कि प्रभात झा को इतनी जल्दी श्रद्धांजलि देने की स्थिति में हम लोग यहां एकत्रित होंगे। मेरा तो लगभग 40 वर्ष का साथ है, हम लोग 24-25 साल की उम्र में एक-दूसरे के मित्र बने और एक लंबा संघर्षकाल साथ बीता। कार्यकर्ता, पार्टी के पदाधिकारी, राज्यसभा के सांसद के रूप में जो उनकी भूमिका थी, उसको मैं ठीक प्रकार से अनुभव कर सकता हूं। हर भूमिका को बहुत ही शिद्दत के साथ उन्होंने निर्वहन किया। पार्टी के लिए जो योगदान हो सकता है उसे हमेशा पूरी श्रद्धा के साथ निभाया। एक कार्यकर्ता के रूप में उनका जीवन बहुत सारे लोगों को याद है। देशभर के विभिन्न अखबारों में जो पत्रकार वर्तमान में कार्य कर रहे हैं उनसे से कई प्रभात झा के सिखाए हुए हैं और अपने पत्रकारिता के क्षेत्र में दायित्व का निर्माण कर रहे हैं। कार्यकर्ता के रूप में भी उन्होंने राज्य, देश और पार्टी का मार्गदर्शन किया। मैं ग्वालियर का कार्यकर्ता हूं, इसलिए बचपन से हम लोग एक-दूसरे के साथ रहे, बहुत सारे खट्टे-मीठे अनुभव रहे, लेकिन प्रभात जी आज हमारे मध्य नहीं है। निश्चित रूप से हमारे संगठन परिवार में एक बड़ी रिक्तता है। प्रार्थना करता हूं दिवंगत आत्मा को अपने चरणों में स्थान प्रदान करें।


केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि जहां एक परिवार का संबंध न हो, लेकिन जीवन के इस यात्रा में कई ऐसे घनिष्ठ संबंध हो जाते हैं जो कभी-कभी पारिवारिक संबंध से भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाते हैं। यह क्षमता और अद्भुत प्रतिभा स्व. प्रभात झा जी में थी। स्व. प्रभात झा जी की जीवन हम सबके लिए प्रेरणा है। मेरा उनसे एक पीढ़ी, दो पीढ़ी नहीं आजी  अम्मा एवं पूज्य पिताजी के समय से संबंध है। उनका असमय चले जाना मेरे लिए एक व्यक्तिगत क्षति है। उनका आशीर्वाद सदैव मेरे ऊपर रहा है। प्रभात जी के जो दिल में होता था, वही उनके स्वर में होता था। हर जिम्मेदारी को हिम्मत के साथ धर्म की तरह निभाने की एक क्षमता उनमें थी, ऐसे बहुत बिरले लोगों में मैंने देखा है। उनकी जीवन शैली हमारे लिए प्रेरणादायक रहे, यही कामना करते हुए विनम्रता पूर्वक श्रद्धांजलि अर्पित करता हॅू।


स्वदेश समाचार पत्र सहूह भोपाल के प्रधान संपादक राजेन्द्र शर्मा ने कहा कि स्व. प्रभात झा ने पत्रकारिता स्वदेष ग्वालियर से प्रारंभ की और आज यह कहते हुए प्रसन्नता है की प्रभात झा ऐसा उनका नाम था उसी तरह एक प्रभात की तरह वे निरंतर उदित होते ही गए। वे भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष, राज्यसभा के सांसद, पार्टी के केंद्रीय उपाध्यक्ष बने, लेकिन पत्रकार उनके मूल में था। इसलिए दिल्ली जाकर के भी भारतीय जनता पार्टी की पत्रिका कमल संदेश संपादक रहे। प्रदेष अध्यक्ष बने तब प्रदेश में सर्वाधिक प्रवास करने वाले अध्यक्ष थे। आज हमारे बीच से प्रतिभा के धनी राजनेता, पत्रकार और कार्यकर्ता की कमी हमेषा खलेगी। भाजपा में जितने भी व्यक्ति मीडिया के क्षेत्र में कार्य किए हैं, उनमें स्व. प्रभात झा सवोत्कृष्ट थे। ईश्वर की विचित्र लीला है, कि प्रभात अस्त हो गया। प्रभात मध्यकालीन अस्त हुए। अभी उनके जाने की उम्र नहीं थी। भाजपा का एक सर्वोत्तम कार्यकर्ता चले गए। बहुत गतिशील होने के कारण चले गए। मैं उन पर गर्व करते हुए कह रहा हूं कि यह उनके जाने का समय नहीं था।


लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के संरक्षक व वरिष्ठ नेता रघु ठाकुर ने कहा कि स्व. प्रभात झा जीवंत पत्रकार, नेता व सच्चे कार्यकर्ता थे। उन्होंने पार्टी के विभिन्न दायित्व का निर्वहन किया और हर कार्यकर्ता को नाम से बुलाते थे। पढ़ने के साथ मित्रता निभाने में वे अद्भुत थे। वे हमेशा जमीन से जुड़े रहे। ग्वालियर में पत्रकारिता के दौरान रात करीब एक बजे वे घर जा रहे थे, एक फायर ब्रिगेड जा रही थी, वे फायर ब्रिगेड के पीछे लटक गए और दूसरे दिन कहां आग लगी, किस तरह से बुझाई गई, यह समाचार सिर्फ ग्वालियर स्वदेश में ही प्रकाशित हुए। कुछ इस तरह से वे पत्रकारिता करते थे कि लोगों को इंतजार रहता था स्वदेश ग्वालियर में आज प्रभात झा ने क्या लिखा है।  


मध्यप्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष मुकेश नायक ने कहा कि स्वर्गीय प्रभात झा के वक्तव्य में उनकी अभिव्यक्ति में किसी भी बात में कोई दोहरा अर्थ नही निकल सकता है। प्रभात झा ने पत्रकारिता से जीवन शुरू कर संघर्ष के प्रतिमूर्ति बन जाना और प्रतिमान खड़े करना तीनों बातों का अद्भुत समायोजन किया था। मृत्यु के बाद यही लोगों का विचार बन जाता है। राष्ट्रीय समाचार चैनलों में मैंने आधा सैकड़ा से अधिक डिबेट प्रभात झा के साथ की, लेकिन एक बार भी उनके शब्द, वचन ऐसे नहीं होते थे, जिनके दोहरे अर्थ निकलते हों। मैं मध्यप्रदेश कांग्रेस पार्टी की ओर से उन्हें अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं और उनकी अनंत स्मृतियां अपने मन में संजोकर रखा है। वह ऐसे राजनेता थे, जिनके प्रति मेरा आदर हमेशा बना रहेगा।


श्रद्धांजलि सभा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर, अखिल भारतीय सह सपंर्क प्रमुख दीपक बिस्पुते, मध्य क्षेत्र प्रचारक स्वप्निल कुलकर्णी, प्रांत प्रचारक विमल गुप्ता, प्रांत संघचालक अशोक पांडे, प्रांत प्रचार प्रमुख मुकेश त्यागी, भाजपा के प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद , प्रदेश शासन के उप मुख्यमंत्री जगदीश देवडा, राजेन्द्र शुक्ला, महाराष्ट्र के सह प्रभारी जयभान सिंह पवैया, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी, प्रदेश शासन के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, राकेश सिंह, प्रहलाद पटेल, पूर्व मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, लालसिंह आर्य, पूर्व प्रदेश संगठन महामंत्री माखनसिंह चौहान, मप्र शासन के मंत्री गोविंद सिंह, तुलसीराम सिलावट, प्रद्युम्न सिंह तोमर, राव उदयप्रताप सिंह, राकेश शुक्ला, करणसिंह वर्मा, संपतिया उइके, विश्वास सारंग, नारायण सिंह कुशवाहा, निर्मला भूरिया, लखन पटेल, नागरसिंह चौहान, एंदल सिंह कंसाना, दिलीप अहिरवार, प्रतिमा बागरी, राधा सिंह, नरेंद्र पटेल, धर्मेन्द्र लोधी, पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव, जयंत मलैया, उमाशंकर गुप्ता, महापौर मालती राय, विधायक रामेश्वर शर्मा, पार्टी की प्रदेश उपाध्यक्ष सीमा सिंह जादौन, चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी, श्याम महाजन, प्रदेश महामंत्री रणवीर सिंह रावत, हरिशंकर खटीक, सरतेंदु तिवारी, पूर्व संगठन मंत्री आशुतोष तिवारी, वरिष्ठ नेता विनोद गोटिया, विधायक हेमंत खण्डेलवाल, प्रदेश मंत्री राहुल कोठारी, प्रदेश कार्यालय मंत्री डॉ. राघवेन्द्र शर्मा, प्रदेश कोषाध्यक्ष अखिलेश जैन, प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष उषा अग्रवाल, किसान मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष व सांसद दर्शनसिंह चौधरी, अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष ऐजाज खान, डॉ. सनवर पटेल, भोपाल जिला अध्यक्ष सुमित पचौरी, आलोक संजर, सत्येन्द्र भूषण सिंह, विधायक अर्चना चीटनीस, अजय विश्नोई, ऊषा ठाकुर, अभिलाष पाण्डे, सुदेश राय, कैलाश मिश्रा सहित पार्टी पदाधिकारी, जनप्रतिनिधि, प्रदेश के जिला प्रभारी, जिला अध्यक्ष, विभिन्न समाज के वरिष्ठजन, वरिष्ठ पत्रकारगण एवं कार्यकर्ता उपस्थित रहे। श्रद्धांजलि सभा का संचालन पार्टी के प्रदेश महामंत्री व विधायक भगवानदास सबनानी ने किया।

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