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नए कानून लागू होते ही भोपाल के हनुमानगंज थाने में दर्ज हुई प्रदेश की पहली एफआईआर

 भोपाल : मंगलवार, जुलाई 2, 2024/ देशभर में एक जुलाई से भारतीय न्याय संहिता (BNS),भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS)और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) लागू हो चुके हैं। एडीजी लॉ एण्‍ड आर्डर जयदीप प्रसाद ने कल पुलिस मुख्‍यालय भोपाल में आयोजित पत्रकार वार्ता में जानकारी दी कि नए कानूनों के क्रियान्चयन में मध्यप्रदेश देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है। मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा प्रदेश के सभी जिलों में नए कानूनों का


प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा रहा है। यही वजह है कि पहले ही दिन नए कानूनों के आधार पर फरियादियों की शिकायत सुनी गई और एफआईआर दर्ज की गई। मध्यप्रदेश की पहली एफआईआर भोपाल के हनुमानगंज थाने में रात 12 बजकर 16 मिनट पर दर्ज की गई। प्रदेश की दूसरी एफआईआर भोपाल के निशातपुरा थाने में रात 12 बजकर 20 मिनट पर, वहीं तीसरी एफआईआर भी भोपाल के शाहजहांनाबाद थाने में रात 12 बजकर 22 मिनट पर दर्ज की गई है। प्रदेशभर में रात 1 बजकर 36 मिनट तक कुल 10 एफआईआर दर्ज की गई। इनमें से आठ भोपाल में हुईं। वहीं एक एफआईआर ग्वालियर के हजीरा थाने में 12 बजकर 24 मिनट और सागर में रात 1 बजकर 36 मिनट पर दर्ज की गई।


प्रदेश की पहली एफआईआर हनुमानगंज थाने में दर्ज की गई। इस एफआईआर में फरियादी प्रफुल्ल पिता जयनारायण चौहान ने पुलिस को बताया कि पुरानी बात पर राजा उर्फ हरभजन ने उसे गालियां दीं। वहीं रात 12 बजकर 20 मिनट पर निशातपुरा थाने में  भैरव पिता पूरनलाल साहू ने शिकायत दर्ज कराई। शिकायत में फरियादी ने बताया कि मैं सीआईए गेट के पास रात में खड़ा था। तभी वहां मनीष शिल्पकार पहुंचा और मुझसे शराब पीने के लिए रुपए मांगने लगा। पैसे न देने पर मनीष ने मुझे गालियां दी और थप्पड़ मार दिया। इस मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है। प्रदेश की तीसरी एफआईआर शाहजहांनाबाद थाने में दर्ज की गई। दरअसल रात में बड़ा बाग कब्रिस्तान मस्जिद के पास आरोपी गौतम पिता रामचरण मोरे और गणेश पिता जगदीश सांवले आपस में झगड़ कर हंगामा कर रहे थे। जिन पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की।


नए कानूनों के संबंध में प्रदेश के सभी थानों में कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इसमें विभिन्न थानों में माननीय न्यायधीशों, पुलिस अधिकारियों, अधिवक्ताओं, जनप्रतिनिधियों ने नागरिकों को नए कानून के संबंध में जागरूक किया। सभी थानों को सुसज्जित किया गया। रंगोली सजाई गई। फूलों और गुब्बारों से परिसर को सजाया गया। बैंड-बाजों के साथ नागरिकों का थाने में स्वागत किया गया। नागरिकों को मिठाईयों का वितरण किया गया।  नए कानूनों के संबंध में जागरुकता संबंधी होर्डिंग, बैनर, पोस्टर लगाए गए। शॉर्ट फिल्मों के माध्यम से भी लोगों को नए कानूनों में जानकारी दी गई। वहीं सोशल मीडिया के अधिकृत हैंडल्स पर भी जागरुकता संबंधी पोस्ट किए गए।


देश के पहले आईएसओ प्रमाणित भोपाल के महिला थाने में नए कानूनों के संबंध में “पुलिस एवं जनता का संवाद” कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महिलाएं उपस्थित हुई। यहां वक्ताओं ने बताया कि नए कानूनों में महिला व बच्चों के अधिकार बढ़ गए हैं। अब महिला व बच्चों के साथ अपराध होने पर त्वरित जांच व सुनवाई होगी। महिला संबंधी मामलों में अब वीडयोग्राफी कंपलसरी कर दी गई है। उन्होंने बताया कि डॉक्टर को भी अब समय सीमा में मेडिकल रिपोर्ट देना अनिवार्य है। कार्यक्रम में उपस्थित महिलाओं ने भी अपनी समस्याएं और जिज्ञासाएं जाहिर की, जिनका उपस्थित अतिथियों ने निराकरण किया।


दंड नहीं बल्कि न्याय केंद्रित कानून को लागू करने के लिए मध्यप्रदेश पुलिस छह महीनों से लगातार प्रयास कर रही थी। आरक्षक से लेकर आला अधिकारियों तक सभी को नए कानूनों के क्रियान्वयन के लिए प्रशिक्षित किया गया। तीनों कानूनों के बारे में 302 मास्टर्स ट्रेनर्स द्वारा 60 हजार से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया गया।  इनमें 31 हजार से अधिक विवेचना अधिकारी शामिल हैं। विशेष रूप से नए कानूनों में तकनीक के महत्व को बढ़ाया गया है। इस दृष्टिकोण से प्रदेश के सभी थानों में सीसीटीएनएस  का संचालन करने वाले कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया गया है।

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