मां दुर्गा के नौ स्वरूप हैं, जिनकी पूजा नवरात्रि में नवदुर्गा के रूप में की जाती है। वहीं इनके दस गुण हैं, जिनकी महाविद्या के रूप में पूजा की जाती है। इनके मूल मंत्रों का जाप जीवन की हर कमी को पूरा करता है और सिद्धियां दिलाता है। लेकिन माता के कुछ विशेष मंत्र विशेष प्रयोजन के लिए जपे जाते हैं।
तारा मंत्र (Tara Mantra)
ॐ ह्रीं स्त्रीं हुं फट्॥
तारा बीज मंत्र लाभः तारा बीज मंत्र के जाप से महिला में मातृत्व भाव जागृत होता है। साथ ही यह मंत्र हर संकट से दूर करता है। वहीं इस मंत्र के जाप से आर्थिक उन्नति और मोक्ष प्राप्ति भी होती है।
त्रिपुर सुंदरी या षोडशी मंत्र (Shodashi Mantra)
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं त्रिपुर सुंदरीयै नमः॥
त्रिपुर सुंदरी बीज मंत्र लाभः मां दुर्गा की तीसरी महाविद्या की पूजा अर्चना से सुंदर रूप की प्राप्ति होती है। त्रिपुर सुंदरी बीज मंत्र का जाप वैवाहिक जीवन सुखमय बनाता है। साथ ही इससे जीवन साथी की तलाश पूरी होती है। मन भी नियंत्रित रहता है। इस मंत्र के जाप से आत्मिक शांति मिलती है।
भुवनेश्वरी मंत्र (Bhuvaneshwari Mantra)
ह्नीं भुवनेश्वरीयै ह्नीं नम:॥
भुवनेश्वरी बीज मंत्र लाभः मां दुर्गी की चौथी महाविद्या हैं मां भुवनेश्वरी, इनके बीज मंत्र का जाप साधक की संतान की मनोकामना की पूर्ति करता है। इसी के साथ आत्मिक ज्ञान की प्राप्ति होती है। इससे साधक ऊर्जावान बनता है, उसे कार्य करने की शक्ति
मिलती है।
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