मुख्यमंत्री के सख्त रुख के बाद चिकित्सा शिक्षा संचालनालय ने नर्सिंग फर्जीवाड़े में शामिल उन अधिकारी-कर्मचारियों के नाम चिह्नित करने का काम शुरू कर दिया है, जिन्होंने कॉलेजों का निरीक्षण किया था। इन्हीं की रिपोर्ट के आधार पर 2020-21 के सत्र में कॉलेजों को मान्यता मिली थी। निरीक्षण करने वाली टीमों में राजस्व अधिकारी, स्वास्थ्य विभाग की नर्सिंग शाखा के कर्मचारी, नर्सिंग काउंसिल के कर्मचारी शामिल थे।
2020-21 में सबसे अधिक गड़बड़ी
प्रदेश में सबसे अधिक गड़बड़ी 2020-21 के सत्र में हुई थी। सर्वाधिक 220 नए कॉलेज इसी सत्र में खुले थे। 2021-22 में 49 कॉलेजों को खोलने की अनुमति नर्सिंग काउंसिल ने दी थी। इसके अतिरिक्त अपात्र कालेजों को बंद किया जा रहा है। आयुक्त चिकित्सा शिक्षा तरुण पिथौड़े ने संबंधित जिलों के कलेक्टरों को पत्र लिखकर ऐसे अपात्र कॉलेजों को बंद कराने के लिए कहा है।
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