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आरक्षक ने मोटर व्हीकल एक्ट में वसूले गए 17 लाख रुपए का किया था गबन

 

थाने में पदस्थ कोर्ट मोहर्रिर आरक्षक द्वारा 17 लाख 4 हजार रुपए का गबन करने का मामला सूरजपुर जिले के जयनगर से सामने आया है। ये पूरी राशि मोटर व्हीकल एक्ट के तहत वसूली गई समंश की थी। वर्ष 2016 से 2022 तक जयनगर थाने में पदस्थापना के दौरान आरक्षक ने कूटरचित दस्तावेजों के सहारे इतनी बड़ी गड़बड़ी को अंजाम दिया। इसकी भनक पुलिस के आला अधिकारियों को भी नहीं लगी। मामले में पुलिस (CG police scam) ने आरोपी आरक्षक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।



जयनगर पुलिस ने बताया कि आरोपी आरक्षक दीपक सिंह पिता कामेश्वर सिंह वर्तमान में बिश्रामपुर थाने में पदस्थ था। वह माइनस कालोनी क्वार्टर नंबर 117 में रहता है। आरक्षक वर्ष 2016 से 2022 तक जयनगर थाने में पदस्थापना के दौरान कोर्ट मोहर्रिर का कार्य करता था।

थाने द्वारा मोटर व्हीकल एक्ट के तहत वसूली गई समंश राशि, जिसे चालान के माध्यम से एसबीआई सूरजपुर शाखा से शासन के खाता क्रमांक 0041 में जमा किया जाना था, लेकिन आरक्षक ने शातिराना तरीके से कुल 55 प्रकरणों की राशि 17 लाख 4 हजार 360 रुपए बैंक खाते में जमा न कर चालान की प्रति में बैंक का फर्जी सील व मुहर लगाकर थाना व ट्रेजरी में जमा कर दिया गया था। (CG police scam) 8 साल तक आरक्षक के इस गड़बड़ी की भनक तक किसी को नहीं लगी। पिछले दिनों ऑडिट के दौरान सूरजपुर पुलिस द्वारा जिला कोषालय में एसबीआई के चालान के माध्यम से जमा की गई राशि में भारी अंतर पाया गया। इसके बाद अलग-अलग थानों से जमा की गई राशि का बारीकी से मिलान किया गया, तब पता चला कि जयनगर थाने से जमा कराई गई राशि बैंक खाते में जमा ही नहीं हुई है।

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