लव जिहाद की शिकार युवती के साथ हुई हैवानियत के मामले में सरकारी तंत्र कमजोर नजर आ रहा है। पहले आरोपित को शराब के केस में बंद करना, फिर मारपीट की धाराओं में केस बनाना और मामला उछलने पर गंभीर धाराओं का इजाफा करना पुलिस की टालमटोल कार्यप्रणाली की ओर इशारा कर रहा है।
अब बेसहारा मां-बेटी को बिना पुलिस अभिरक्षा और किसी सरकारी अटेंडर के बिना ही ग्वालियर रेफर कर दिया गया है। जबकि पुलिस व प्रशासन को मालूम था कि दोनों महिलाओं के घर में कोई पुरुष अटेंडर नहीं है। ऐसे समय आगे आए स्वयंसेवियों के भरोसे उन्हें शनिवार शाम ग्वालियर रेफर कर दिया गया।जानकारी के अनुसार मारपीट में युवती को आंख में गंभीर चोट आई है और एक आंख से उसे दिखना बंद हो गया है।
0 comments:
Post a Comment