इंदौर नगर निगम में 28 करोड़ 76 लाख रुपये के फर्जी बिल कांड के सामने आने के बाद प्रदेश के अन्य नगरीय निकायों में हुए कार्य भी जांच के दायरे में आ गए हैं। नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने प्रमुख सचिव को जांच के लिए कहा है। इन निकायों में पिछले पांच वर्षों में विभिन्न प्रोजेक्ट के तहत हुए विकास कार्यों और उनके एवज में किए गए भुगतान की जांच की जाएगी।
इंदौर में फर्जीवाड़े को अंजाम देने वाली फर्मों और उनके संचालकों के अलावा अन्य कंपनियों द्वारा प्रदेश के अन्य नगरीय निकायों में भी ऐसा ही फर्जीवाड़ा कर बगैर काम के करोड़ों का भुगतान प्राप्त किया गया है। इंदौर नगर निगम में हाल ही में 28 करोड़ 76 लाख रुपये का फर्जी बिल कांड सामने आया है। इंदौर की पांच फर्मों ने ड्रेनेज विभाग में बगैर काम किए 28 करोड़ 76 लाख रुपये के फर्जी बिल प्रस्तुत किए थे।
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