ऐतिहासिक भोजशाला में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआइ) की टीम के सर्वे के 25वें दिन सोमवार को हवन कुंड के एक कोने से मिट्टी हटाने का काम शुरू किया गया है। इस कुंड से कुछ फीट की दूरी पर जो खोदाई कार्य चल रहा है, वहां पत्थरों पर बनी आकृतियां स्पष्ट दिखने लगी हैं। हिंदू समाज के प्रतिनिधि इसे सनातनी आकृति बता रहे हैं। भोजशाला के अंदर व बाहरी परिसर के सर्वे में टीम ने उपकरणों का उपयोग बढ़ा दिया है। सोमवार को सर्वे टीम ने छत पर सर्वे कार्य किया है।
हवन कुंड के एक कोने से जहां मिट्टी हटाने का कार्य शुरू कर दिया है। यहां से भी पाषाण के अवशेष मिले हैं। इसकी बारीकी से जांच की गई है। यहां उपकरणों के माध्यम से जमीन के भीतर मौजूद संरचनाओं का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है। भोजशाला के अंदर व बाहर तथा कमाल मौलाना की दरगाह से लेकर 50 मीटर के दायरे में मौजूद चिह्नित स्थलों पर टीम ने दिनभर काम किया। टीम ने भोजशाला की छत पर भी मशीन से सर्वे कार्य किया है। हालांकि सोमवार को सर्वे की गति धीमी रही।
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