....

नगरनार इस्पात संयंत्र के एचआर क्वाइल की बाजार में बढ़ी मांग, देश के विभिन्न क्षेत्रों में किया जा रहा है निर्यात


जगदलपुर। स्टील उत्पादन के क्षेत्र में देश के अत्याधुनिक कारखानों में शामिल सार्वजनिक क्षेत्र की नवरत्न कंपनी राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (एनएमडीसी) के नगरनार इस्पात संयंत्र में बनने वाले एचआर (हाट रोल्ड) क्वाइल की मांग बढ़ने लगी है। तीन माह पहले 24 अगस्त को इस्पात संयंत्र की कमीशनिंग कर क्वाइल का उत्पादन शुरू किया गया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तीन अक्टूबर को जगदलपुर प्रवास पर यहां लालबाग मैदान में आयोजित कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम से इस संयंत्र को देश को समर्पित किया था।



प्रारंभिक दिनों में जहां प्रतिदिन तीन से चार क्वाइल का ही निर्माण किया जा रहा था वहां वर्तमान में औसत डेढ़ सौ क्वाइल का उत्पादन किया जाने लगा है। इस्पात संयंत्र के अधिशासी निदेशक के प्रवीण कुमार से चर्चा करने पर उन्होंने बताया कि धीरे-धीरे उत्पादन बढ़ाया जा रहा है। उत्पादन कम होने से अभी मांग के अनुरूप आपूर्ति संभव नहीं हो पा रही है लेकिन उत्पादन बढ़ने के बाद आपूर्ति बढ़ाई जा सकेगी।

उत्तर से लेकर दक्षिण भारत तक यहां बनने वाले एचआर क्वाइल की मांग है। वर्तमान में छत्तीसगढ़ के अलावा गाजियाबाद, विशाखापट्टनम, चेन्नई, हैदराबाद, जमशेदपुर, चंडीगढ़, लुधियाना, कालूंगा, कानपुर, बल्लभगढ़, फरीदबाद आदि जगहों में क्वाइल भेजा रहा है। क्वाइल की ढुलाई सड़क और रेल दोनों मार्ग से हो रही है। पिछले एक माह में चार रैक क्वाइल बाहर भेजा गया है।


बता दें कि जगदलपुर से 17 किलोमीटर दूर नगरनार में लगभग 25 हजार करोड़ रुपये की लागत से तीन मिलियन टन सालाना उत्पादन क्षमता के इस्पात संयंत्र की स्थापना की गई है। संयंत्र तीसरे साल अपनी पूरी क्षमता से उत्पादन शुरू कर देगा। संयंत्र के कारण प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से 20 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। नगरनार और आसपास के क्षेत्र में तेजी से विकसित हो रहे हैं। बसाहट भी लगातार बढ़ रही है। अगले तीन-चार साल में यह इलाका कस्बाई क्षेत्र में परिवर्तित हो सकता है।


जहाज से लेकर रेलवे के वैगन तक बनेंगे

नगरनार स्टील प्लांट में बनने वाले एचआर क्वाइल का उपयोग अधोसंरचना के ढांचे की मजबूती देने के अलावा अन्य कई क्षेत्रों में किया जा सकेगा। जिनमें सैन्य उपकरण, जहाज, रेलवे के वैगन, एलपीजी सिलिंडर, साइकिल फ्रेम, बड़े व्यास के पाइप, ट्रक के पहिए की डिस्क, आटोमोबाइल, टैंक, बायलर, जनरेटर, मोटर, ट्रांसफार्मर आदि के निर्माण क्षेत्र शामिल हैं। नगरनार इस्पात संयंत्र की क्षमता डेढ़ मिलीमीटर से लेकर 16 मिलीमीटर तक की मोटाई के क्वाइल बनाने की है। एक क्वाइल का वजन 20 से 22 टन तक है।

Share on Google Plus

click News India Host

    Blogger Comment
    Facebook Comment

0 comments:

Post a Comment