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ट्राइजेमिनल न्यूरेलजिया बीमारी में सिर, जबड़े और गाल पर करंट जैसा होता है दर्द



 ट्राइजेमिनल न्यूरेलजिया एक ऐसी बीमारी है, जिसमें चेहरे पर करंट जैसा असहनीय दर्द होता है। यह बीमारी तंत्रिका विकार के कारण उत्पन्न होती है। यह दर्द मस्तिष्क की ट्राइजेमिनल नर्व के कारण होता है। मेडिकल साइंस में यह बीमारी दुनिया की सबसे दर्दनाक बीमारियों में गिनी जाती है।


 इसका सबसे ज्यादा प्रभाव सिर, जबड़ों और गालों पर होता है। इसमें एकदम से करंट जैसा दर्द महसूस होता है। थोड़ी देर में दर्द अपने आप कम हो जाता है, लेकिन वह कभी भी वापस आ सकता है। तेज हवा का झोंका, ब्रश करना, शेविंग करना या कुछ चबाने या पानी पीने से भी दर्द उठ सकता है।


लक्षण नजर आएं तो तुरंत विशेषज्ञ से मिलें


इसमें बढ़ी हुई एक रक्त वाहिका नस पर दबाव डालती है, जिससे नस में एक शार्ट सर्किट सा बन जाता है, जिसके कारण रोगी को असहनीय दर्द का अहसास होता है। यदि ऐसे कोई लक्षण नजर आते हैं, तो तुरंत विशेषज्ञों की सलाह से इसका उपचार करवाना चाहिए। दवाइयों से ही इसका इलाज संभव है। इसकी दवा लंबे समय तक लेनी पड़ सकती है।


ऐसे भी होता है इलाज

एक्स-रे मशीन या सीटी स्कैन में देखकर चेहरे से होते हुए एक सुईनुमा उपकरण को दिमाग में स्थित ट्राइजेमिनल नस तक पहुंचाया जाता है। फिर रेडियो फ्रिक्वेंसी तरंगों द्वारा दर्द करने वाली नसों को पहचान कर उन्हें तंरगों से 90 डिग्री तक गर्म करके नष्ट कर दिया जाता है। इससे नसें दर्द के सिग्नल भेजना बंद कर देती हैं एवं मरीज को तुरंत आराम मिलता है। इसमें चीर-फाड़ नहीं होती।

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