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महाकाल मंदिर प्रबंध समिति की बैठक बुधवार को, गर्भगृह में प्रवेश शुरू करने पर होगा निर्णय



उज्जैन। ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर के प्रशासनिक भवन में बुधवार शाम पांच बजे कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम की अध्यक्षता में मंदिर प्रबंध समिति की बैठक होगी। समिति श्रावण मास संपन्न होने के बाद गर्भगृह में भक्तों का प्रवेश शुरू करने को लेकर निर्णय ले सकती है।


बैठक में ही तय होंगी व्‍यवस्‍थाएं

सांसद अनिल फिरोजिया ने सोमवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से गर्भगृह में आम भक्तों का प्रवेश शुरू कराने की मांग की थी। कहा था कि 12 सितंबर से ही यह व्यवस्था शुरू हो। हालांकि समिति सदस्यों ने व्यवस्थाएं समिति की बैठक में ही तय करने का निर्णय लिया।


अभी लागू थी विशेष दर्शन व्‍यवस्‍था

महाकाल मंदिर में श्रावण-भादौ मास के लिए चार जुलाई से 11 सितंबर तक विशेष दर्शन व्यवस्था लागू की गई थी। इस दौरान गर्भगृह में भक्तों का प्रवेश पूर्णत: प्रतिबंधित कर दिया गया था। अतिविशिष्टजन व महामंडलेश्वरों के अतिरिक्त किसी को भी गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति नहीं थी। इस व्यवस्था से श्रावण अधिक मास के पूरे दो माह सामान्य दर्शनार्थियों को सुविधा से निर्बाध भगवान महाकाल के दर्शन हुए।


सूत्रों का यह है कहना

आम दर्शनार्थी इसी प्रकार की व्यवस्था वर्षभर लागू करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन सूत्र बताते हैं कि पुजारी, पुरोहित व राजनीतिक दबाव के चलते मंदिर समिति एक बार फिर गर्भगृह में भक्तों का प्रवेश शुरू करने की तैयारी में है। हालांकि सांसद अनिल फिरोजिया ने मुख्यमंत्री से सामान्य दर्शनार्थियों को गर्भगृह से दर्शन कराने की मांग की है। अब देखना यह है कि प्रबंध समिति की बैठक में अफसर सभी श्रेणी के लिए श्रद्धालुओं के लिए गर्भगृह खोलती है या 750 रुपये प्रति श्रद्धालु की रसीद पर केवल वीआइपी व पुजारी, पुरोहित के यजमानों को प्रवेश देने का निर्णय करती है।


सशुल्क दर्शन व्यवस्था बनी चुनावी मुद्दा

महाकाल मंदिर में श्रावण मास से पहले भक्तों को 750 रुपये प्रति व्यक्ति शुल्क पर गर्भगृह में प्रवेश की व्यवस्था लागू थी। मंदिर प्रशासन अधिकांश समय केवल इसी व्यवस्था के अंतर्गत भक्तों को गर्भगृह में प्रवेश दे रहा था। इस व्यवस्था से आम दर्शनार्थी नाराज थे।


प्रति व्यक्ति 200 रुपये शुल्क पर भी नाराजगी

श्रद्धालु भस्म आरती दर्शन के लिए प्रति व्यक्ति 200 रुपये शुल्क लिए जाने से भी नाराज हैं। जनआक्रोश को देखते हुए सशुल्क दर्शन व्यवस्था चुनावी मुद्दा बन गई है। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता विवेक गुप्ता ने कहा है कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने पर सशुल्क दर्शन व्यवस्था समाप्त की जाएगी। सभी भक्तों को निश्शुल्क भगवान महाकाल के दर्शन कराए जाएंगे।

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