Rahu Gochar 2023। हिंदू ज्योतिष शास्त्र में राहु और केतु ग्रहों को छाया ग्रह माना गया है। साथ ही यह भी मान्यता है कि राहु और केतु की छाया जीवन में अशुभ प्रभाव डालती है। वैदिक ज्योतिष के मुताबिक, शनि ग्रह जहां सबसे धीमी गति में चलते हैं और गोचर के समय अंतराल को देखकर उसके बाद राहु का क्रम आता है, जो कि सदैव वक्री चाल चलता है।
ज्योतिष के मुताबिक राहु डेढ़ वर्ष की अवधि में यह अपनी राशि बदलता है। राहु को शनि वत राहु भी कहा जाता है अर्थात यह शनि के समान भी फल देता है।साल 2023 के दौरान की बात की जाए फिलहाल राहु मेष राशि में विराजमान हैं और 30 अक्टूबर की दोपहर 2:13 बजे वक्री चाल चलते हुए मेष राशि से निकलकर मीन राशि में प्रवेश करेंगे।
ऐसे में राहु को गोचर सभी राशियों को प्रभावित करेगा, लेकिन कुंभ और मीन राशि वालों को विशेष सावधानी बरतना चाहिए।
पंडित के मुताबिक, कुंभ राशि के जातकों के लिए इस वर्ष की शुरुआत में राहु तीसरे भाव में रहेंगे और लगभग वर्ष के अधिकांश समय तीसरे भाव में रहकर साहस, पराक्रम, बल, जोखिम लेने की क्षमता, विरोधियों पर मजबूत पकड़ की शक्ति देते हैं। इस अवधि में कुंभ राशि वालों को कार्य में सफलता मिलेगी। यात्राओं के योग बन सकते हैं। कार्यक्षेत्र में सहयोगियों का समर्थन मिलेगा। अच्छे भोजन का आनंद लेंगे।
पारिवारिक जीवन में कुछ समस्या और संघर्ष हो सकते हैं। कुंभ राशि वालों को राहु के प्रभाव को कम करने के लिए रांगे की एक गोली अपने पास रखना चाहिए।
मीन राशि वालों जातकों के लिए राहु इस वर्ष की शुरुआत में द्वितीय भाव में विराजमान होंगे, जिससे जातक को धन की प्राप्ति होगी। परिवार से कटाव हो सकता है। सेहत में गिरावट भी आ सकती है। आंखों से संबंधित परेशानी हो सकती है।
गुरु-राहु चांडाल दोष के कारण परिवार की शांति भंग होगी। आपके अंदर आत्मविश्वास बढ़ेगा। किसी की परवाह नहीं करेंगे। मीन राशि वालों को बुधवार को शाम के समय में मंदिर में काले तिल का दान करना चाहिए।
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