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शरद पवार ने नागपुर में नितिन गडकरी से घर जाकर की मुलाकात; सावरकर मुद्दे पर राहुल का किया बचाव


महान क्रांतिकारी विनायक दामोदर सावरकर को लेकर दिए गए विवादित बयान पर आरोपों से घिरे कांग्रेस नेता राहुल गांधी का बचाव अब राकांपा नेता शरद पवार ने किया है। शनिवार को नागपुर में उन्होंने कहा कि हिंदुत्व विचारक वीडी सावरकर के देश के स्वतंत्रता संग्राम के लिए दिए गए बलिदान को कोई भी नजरअंदाज नहीं कर सकता है। उन्होंने आगे कहा कि बावजूद इसके उन पर असहमति को राष्ट्रीय मुद्दा नहीं बनाया जा सकता है। पवार ने कहा कि लोगों का ध्यान केंद्रित करने के लिए और भी कई अहम मुद्दे हैं। 


नितिन गडकरी से की मुलाकात

इस दौरान विदेशी धरती पर भारत के मुद्दों पर बोलने के लिए भारतीय जनता पार्टी द्वारा निशाना बनाए जा रहे कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लेकर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब किसी भारतीय ने विदेश में रहते हुए देश के मुद्दों पर बात की है। उन्होंने कहा कि अब  सिर्फ इस तरह के मुद्दों को बार-बार उठाया जा रहा है। अगर देश में किसी बात को लेकर लोग उत्तेजित महसूस करते हैं और अगर कोई भारतीय इसके बारे में बात करता है, तो मुझे लगता है कि उन मुद्दों को संबोधित किया जाना चाहिए। वे नागपुर में प्रेस क्लब में बोल रहे थे। वहीं अपनी अपनी नागपुर यात्रा के दौरान शरद पवार, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के घर भी गए। गडकरी के घर पर उनसे मुलाकात को उन्होंने शिष्टाचार भेंट बताया है। 



देश में कई अन्य भी मुद्दे- पवार

नागपुर यात्रा के दौरान यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने सावरकर के बारे में राहुल गांधी से बात की? इसका जवाब देते हुए पवार ने कहा कि 18-20 राजनीतिक दलों के नेताओं ने हाल ही में देश के सामने बड़े मुद्दों पर बैठक की और चर्चा की है। उन्होंने कहा कि मैंने सुझाव दिया कि हमें इस बात पर विचार करने की जरूरत है कि सत्ता में बैठे लोग देश को किस तरह चला रहे हैं। पवार ने कहा कि आज सावरकर कोई राष्ट्रीय मुद्दा नहीं है, यह पुरानी बात है। हमने सावरकर के बारे में कुछ बातें कही थीं, लेकिन वह व्यक्तिगत नहीं थी। वह हिंदू महासभा के खिलाफ थी, लेकिन इसका एक दूसरा पहलू भी है  हम देश की आजादी के लिए सावरकर जी द्वारा दिए गए बलिदान को नजरअंदाज नहीं कर सकते।


सावरकर पर कही यह बात

पवार ने आगे कहा कि करीब 32 साल पहले उन्होंने संसद में सावरकर के प्रगतिशील विचारों के बारे में बात की थी। सावरकर के प्रगतिशील विचारों का उदाहरण देते हुए पवार ने कहा कि सावरकर ने रत्नागिरी में एक घर बनवाया और उसके सामने एक छोटा मंदिर भी बनवाया। इस मंदिर में पूजा के लिए उन्होंने वाल्मीकि समुदाय के एक व्यक्ति नियुक्त किया। मुझे लगता है कि यह एक बहुत ही प्रगतिशील चीज थी। लेकिन अब सावरकर को राष्ट्रीय मुद्दा बनाने की कोई आवश्यकता नहीं है। क्योंकि देश में आम जनता से संबंधित कई अन्य प्रमुख मुद्दे भी हैं।


गौरतलब है कि भाजपा ने पूर्व सांसद राहुल गांधी पर बार-बार सावरकर का अपमान करने का आरोप लगाया है। साथ ही भारतीय जनता पार्टी ने उनके सम्मान में सावरकर गौरव यात्रा का भी आयोजन करने का एलान किया है। 


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