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नवरात्रि के सातवें दिन करें मां कालरात्रि की पूजा


चैत्र मास में पड़ने वाली नवरात्रि के सातवें दिन देवी दुर्गा के सातवें स्वरूप यानि मां कालरात्रि की पूजा की जाती है। हिंदू ग्रंथों के अनुसार नवरात्रि के दौरान मां कालरात्रि की पूजा से भक्तों के सभी प्रकार के भय दूर होते हैं। मां कालरात्रि के आशीर्वाद से भक्त हमेशा भयमुक्त रहता है। उसे अग्नि, जल, शत्रु, रात्रि आदि किसी प्रकार का भय कभी नहीं होता। भगवती के इस भव्य स्वरूप के शुभ प्रभाव से साधक के पास भूल से भी नकारात्मक शक्तियां या बलाएं नहीं फटकती हैं।


मां के इस स्वरूप को वीरता और साहस का प्रतीक माना जाता है। मां कालरात्रि की पूजा करने से भय दूर होता है, संकटों से रक्षा होती है और शुभ फल की प्राप्ति होती है। शुभफल प्रदान करने के कारण इनका एक नाम शुभंकरी भी है। इस देवी की आराधना से अकाल मृत्यु का डर भी भाग जाता है, रोग और दोष भी दूर होते हैं। ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार देवी कालरात्रि शनि ग्रह को नियंत्रित करती हैं। इसलिए इस देवी की पूजा से शनि के बुरे प्रभाव भी कम होते हैं।


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