आरबीआई फिर बढ़ सकती है लोन की एमी
एक बार फिर से जनता की जेब पर कर्ज का भार बढ़ सकता है। इसके चलते लोन की किश्तें फिर से महंगी हो सकती हैं। आरबीआई ने आज इस प्रकार के संकेत दिए हैं। इसके बाद यह संभावना जताई जा रही है कि यदि केंद्रीय बैंक रेपो रेट बढ़ाता है तो आम आदमी की जेब पर ईएमआई का भार बढ़ सकता है। बुधवार को RBI की मौद्रिक नीति बैठक के मिनट्स जारी किए गए। इसमें RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि अभी महंगाई के साथ भू-राजनीतिक तनाव व वैश्विक वित्तीय बाजार में जारी उतार-चढ़ाव को देखते हुए बैंक दरों में बढ़ोतरी को रोकना समय से पहले का कदम होगा। पिछली बैठक में छह सदस्यी एमपीसी के चार सदस्यों ने रेपो रेट में वृद्धि, जबकि दो ने इसके खिलाफ वोट दिया था। जो सदस्य रेपो रेट बढ़ाने के पक्ष में नहीं थे, उनमें जयंत आर वर्मा और आशिमा गोयल शामिल थीं।
अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि भारतीय रिजर्व बैंक अप्रैल में अपनी मुख्य ब्याज दर को 25 आधार अंकों से बढ़ाकर 6.75% कर देगा और फिर 2023 के अंत तक रोक देगा। पिछले मई से, भारत के केंद्रीय बैंक ने दरों में 250 आधार अंकों की वृद्धि की है।
रेपो रेट में 25 आधार अंक की वृद्धि
RBI ने प्रमुख महंगाई दर की अनिश्चितता का हवाला देते हुए रेपो रेट में 25 आधार अंक की वृद्धि की थी। पिछले वर्ष मई के बाद से रेपो रेट में यह छठी वृद्धि थी। तब से लेकर अब तक रेपो रेट में 250 आधार अंक की वृद्धि हो चुकी है।
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