....

दो दिवसीय थिंक-20 बैठकों का दौर शुरू

 

भौतिक प्रगति की चाह में हमने प्रकृति का अंधाधुंध शोषण किया है, इसलिए हम क्लाइमेंट चेंज और ग्लोबल वार्मिंग के संकट का सामना कर रहे हैं। पर्यावरण को बचाने के लिए सारे देशों को सोचना पड़ेगा। प्रकृति के साथ प्रगति होनी चाहिए। बिना जनता की सहभागिता के यह संभव नहीं है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ताप विद्युत की जगह वैकल्पिक ऊर्र्जा और पर्र्यावरण मित्र तकनीकी का उपयोग करने पर जोर दिया है और वर्र्ष 2030 तक के लक्ष्य निर्धारित किए हैं। इस दिशा में मध्य प्रदेश काम कर रहा है। यह बात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में प्रारंभ हुए जी-20 के अंतर्गत थिंक-20 बैठकों के उद्घाटन सत्र में कही। इन दोदिवसीय बैठकों में 22 देशों के 94 प्रतिनिधियों के साथ देश और प्रदेश के तीन सौ प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। दो दिवसीय मंथन के बाद भोपाल घोषणा पत्र घोषित किया जाएगा।


मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरा-तेरा की सोच छोटे दिल वालों की होती है। धरती मनुष्य के लिए हैं। भारत ने यही बात कही है। सबसे में परमात्मा का अंश है। प्रकृति प्रेम हमारी संस्कृति है। हमारे यहां प्राणियों, पहाड़, नदी और वृक्षों की पूजा होती है। अद्वैत भाव दुनिया से मतभेद को मिटा सकता है औैर प्रगति पथ पर ला सकता है। आज प्रकृति का शोेषण हो रहा है। विकसित देशों ने अंधाधुंध प्रकृति का शोषण किया है। जबकि, शोषण नहीं दोहन होना चाहिए। मध्य प्रदेश ने पर्र्यावरण संरक्षण की दिशा में गंभीरता से काम हो रहा है। मैं स्वयं प्रतिदिन पौधारोपण करता हूंं। जन्मदिन या अपनों की स्मृति में पौैधा लगाने का आव्हान किया है। अंकुर अभियान चलाया। आज तक 37 लाख लोग पौधे लगा चुके हैं। पानी बचाने के लिए जलाभिषेक अभियान चलाया। प्रधानमंत्री ने बूंद-बूंद पानी सहेजने का आव्हान किया तो हजारों अमृत सरोवर बन गए। साढ़े चार लाख जल संरचनाएं बन गईं। नहर से सिंचार्ई की जगह पाइप से पानी पहुंचाने की व्यवस्था बनाई है। सौर ऊर्जा पांच हजार मेगावाट बन रही है। जलाशाय में भी पानी के ऊपर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित कर रहे हैं। इंदौर देश का सबसे स्वच्छ शहर तो भोपाल सबसे स्वच्छ राजधानी है। जनता का साथ मिला तो समाधान निकला। जी 20 का सूत्र वाक्य भी पृथ्वी एक है, सबके लिए है। हमारी चिंता और लक्ष्य एक होना चाहिए। आगे निकलने की अंधी दौड़ न लगाएं। उन्होंने सुझाव दिया कि जी 20 ही क्यों, ऐसा एक मंच होना चाहिए, जहां पूरा विश्व एक हो जाए। केंद्र सरकार के नेतृत्व में संतुलित औैर समवेशी विकास कर पाएंगे

इंडोनेशिया के राष्ट्रीय विकास योजना मंत्रालय में राजनीतिक, कानून, सुरक्षा और रक्षा मामलों के उप मंत्री डा स्लामेट सोएडारसोनो ने कहा कि हमें पूरा विश्वास है कि केंद्र सरकार के नेतृत्व में संतुलित और समवेशी विकास कर पाएंगे। इंडोनेशिया ने सभी देशों को वैक्सीन उपलब्ध करा सकता है। महामारी के बाद अब इसकी तैयारी कर रहे हैैं कि ऐसी स्थिति से निपटने में कैसे समक्ष हों। सामाजिक सुरक्षा और जलवायु परिवर्तन में योगदान दे सके। वहीं, एशियन डेवलपमेंट बैंक के सीईओ टेत्सुशी सोनोबे हम जी 7 की अध्यक्षता कर रहे हैं। जी 20 और जी 7 में कैसे समन्वय हो, इस पर विचार करना चाहिए। पर्यावरण परिवर्तन पर हम सबको मिलकर काम करना होगा। सायबर क्राइम के विरुद्ध काम करने की जरूरत है। एक ऐसा माडल ढूंढा जाना चाहिए, जहां वैश्विक सुशासन की बात हो सके। नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने कहा कि पूरा विश्व हमारी ओर देख रहा है।कोरोना संकट के बीच भारत तेजी से उभरकर आया है। महिलाओं को बच्चों को लेकर काम करने की जरूरत है। हमने विश्वविद्यालयों को जोड़ा है। प्रोफेसर सचिन चतुर्वेदी ने बताया कि भारत विश्व की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। हमने समावेशी विकास का माडल अपनाया है।

Share on Google Plus

click vishvas shukla

    Blogger Comment
    Facebook Comment

0 comments:

Post a Comment