रामचरित मानस के अनुसार भगवान श्री हनुमान जी महाराज की भक्ति कालयुग में सबसे श्रेष्ठ बताई गई है। कलयुग में हर प्रकार परेशानियों से निजात पाने के लिए हनुमान जी की शरण में ही जाना चाहिए। आज हम आपको तुलसीदास जी द्वारा रचित हनुमान चालीसा की कुछ ऐसी दिव्य चौपाइयों के बारे में बताने जा रहे हैं। जिन्हें मंत्र की तरह जपने से आप किसी भी तरह की परेशनियों से बाहर आ सकते हैं।
1.भूत-पिशाच निकट नहीं आवे। महावीर जब नाम सुनावे।।
हनुमान चालीसा की इस चौपाई का निरंतर मंत्र की तरह जपने से प्रेत बाधा दूर होती है। वहीं मन में किसी भी तरह का भय नहीं होता है। 11 बार इस चौपाई को पढ़कर सोने से बुरे सपने नहीं आते हैं।
2.नासे रोग हरे सब पीरा। जो सुमिरे हनुमंत बलबीरा।।
इस चौपाई का निरंतर जाप किसी भी प्रकार के रोग से मुक्ति दिला देता है। सुबह-शाम हनुमान जी का ध्यान कर इस चौपाई का जाप करने से व्यक्ति सदैव निरोगी रहता है।
3.अष्ट-सिद्धि नवनिधि के दाता। अस बर दीन जानकी माता।।
हनुमान चालीसा की ये चौपाई सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण माना गयी है। अगर किसी व्यक्ति को जीवन में शक्तियों को प्राप्त करना है तो हनुमान चालीसा की इस चौपाई का पाठ जरूर करना चाहिए।
4.विद्यावान गुनी अति चातुर। रामकाज करीबे को आतुर।।
अगर किसी व्यक्ति को ज्ञान, बुद्धि, विवेक, बुद्धि और धन दौलत चाहिए तो हनुमान चालीसा की इस चौपाई का नियमित जाप करना चाहिए।
5.भीम रूप धरि असुर संहारे। रामचंद्रजी के काज संवारे।।
किसी कार्य में बार-बार असफलता प्राप्त हो रही है तो इस चौपाई का कम से कम 108 बार जाप करना चाहिए। हनुमान चालीसा की चौपाई से शत्रुओं का नाश अवश्य होता है और सफलता प्राप्त होती है।
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