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महाकाल कारिडोर का भव्य नजारा

 उज्जैन। महाकाल मंदिर कारिडोर के प्रथम चरण का काम पूरा हो चुका है,प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 11 अक्टूबर को इसका लोकार्पण करेंगे। महाकाल कारिडोर का ड्रोन से लिया वीडियो और तस्वीरें सामने आई है, जिससे इसकी

भव्यता का अंदाजा लगाया जा सकता है। कहा जा रहा है कि यह कारिडोर काशि विश्वनाथ मंदिर में बनाए गए कारिडोर से भी बड़ा है।


महाकाल मंदिर कारिडोर में 18 हजार बड़े पौधे लगाए जा रहे हैं। आंध्रप्रदेश के राजमुंद्री से रूद्राक्ष, बिल्व पत्र और शमी के पौधे मंगाए हैं। त्रिवेणी संग्रहालय के पीछे 920 मीटर लंबा महाकाल कॉरिडोर, दो भव्य प्रवेश द्वार, कमल तालाब, सप्त ऋषि वन, नवग्रह वाटिका, महाकाल प्लाजा, रुद्रसागर समुद्र तट सौंदर्यीकरण, प्रसाद, टिकट काउंटर, नूतन विद्यालय परिसर, गणेश विद्यालय परिसर का निर्माण पूरा हो गया है। गलियारे

में 25 फीट ऊंची और 500 मीटर लंबी लाल पत्थर की दीवार में शिव महापुराण में वर्णित घटनाओं के आधार पर भित्तिचित्र हैं। वहीं 108 स्तंभ स्थापित किए गए हैं, जिन पर भगवान शिव की विभिन्न मुद्राएं बनी हुई हैं। ई-रिक्शा और अन्य वाहनों का रूट भी तैयार है। बड़े रुद्र सागर से गाद निकालकर, किनारों को पत्थरों से गाड़कर गंभीर-शिप्रा का साफ पानी भर दिया गया है।

साथ ही रुद्रसागर में सीवरेज का पानी उपलब्ध न हो इसके लिए भी स्थायी व्यवस्था की गई है, त्रिवेणी संग्रहालय के सामने सरफेस पार्किंग बनाई गई है। महाकाल कारिडोर के दूसरे चरण में बेगमबाग मार्ग, महाकाल धर्मशाला, अन्न क्षेत्र, बेगमबाग मार्ग, नीलकंठ वन, महाराजवाड़ा भवन जीर्णोद्धार, रुद्रसागर पर चारधाम मार्ग से महाकाल मंदिर के पीछे तक 220 मीटर लंबा पैदल पुल, रामघाट सौंदर्यीकरण, रेलवे के अंडर पास, महाकाल मंदिर पहुंचने

के लिए रोड चौड़ीकरण का काम किया जाना है। इनमें से कुछ कार्य अभी भी चालू हैं, जबकि कुछ बंद पड़े हैं। उज्जैन के हरिफाटक पुल के चौड़ीकरण का काम अभी कागजों तक ही सीमित है। महाकाल मंदिर पहुंच मार्ग को चौड़ा करने के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया भी अधूरी है।


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