....

भूलकर भी इंदिरा एकादशी के दिन न करें ये गलतियां

 हिंदू धर्म में एकादशी का बहुत महत्व होता है। एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है। हर महीने को दोनों पक्षों कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष में एकादशी का व्रत रखा जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को इंदिरा एकादशी कहते हैं। इंदिरा एकादशी को श्राद्ध एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इंदिरा एकादशी को पितरों को मोक्ष प्रदान करने वाली एकादशी भी कहा गया है। शास्त्रों के अनुसार पितृ पक्ष में पड़ने वाली इंदिरा एकादशी के दिन कुछ नियमों का पालन जरूर करना चाहिए। इन नियमों का पालन नहीं करने पर जीवन में समस्याओं का सामना करना पड़ता है।




इंदिरा एकादशी के नियम

- शास्त्रों के अनुसार एकादशी के दिन चावल खाने की मनाही होती है। माना जाता है कि इस दिन चावल का सेवन करने से मनुष्य का जन्म रेंगने वाले जीव की योनि में होता है। इसके साथ ही इस व्रत को न रखने वालों को भी चावल का सेवन नहीं करना चाहिए।

- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार एकादशी के दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है। ऐसे में इस दिन भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा करनी चाहिए। इससे सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।

- एकादशी के दिन वाद-विवाद से दूर रहना चाहिए। इस दिन अधिक से अधिक भगवान विष्णु का ध्यान करना चाहिए।

- शास्त्रों के मुताबिक एकादशी के दिन महिलाओं का अपमान नहीं करना चाहिए। ऐसा करने पर व्रत के फल की प्राप्ति नहीं होती है। माना जाता है कि इस दिन महिलाओं का अपमान करने वाले को कष्टों का सामना करना पड़ता है।

- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार एकादशी के दिन मदिरापान का सेवन नहीं करना चाहिए। माना जाता है कि ऐसा करने वाले जातक को जीवन में कष्टों का सामना करना पड़ता है।


Share on Google Plus

click Anonymous

    Blogger Comment
    Facebook Comment

0 comments:

Post a Comment