अमेरिका में एक कार्यक्रम के दौरान हमले में घायल हुए भारतीय मूल के लेखक सलमान रुश्दी (75) पेनसिल्वेनिया के अस्पताल में वेंटिलेटर पर हैं। चाकू के ताबड़तोड़ प्रहारों से बुरी तरह घायल रुश्दी की स्थिति में बीते 24 घंटों में सुधार नहीं हुआ है। हमले में उनकी गर्दन और बाएं हाथ की कई नसें कट गई हैं। एक आंख भी जख्मी हुई है, उसकी रोशनी जाने का खतरा है। चाकू के प्रहार से लिवर को भी नुकसान हुआ है। रुश्दी की हालत चिंताजनक बनी हुई है। उनके एजेंट एंड्रयू विली ने कहा, रुश्दी के स्वास्थ्य की खबर अच्छी नहीं है। वहीं, दुनियाभर ने रुश्दी पर हमले की निंदा की जा रही है, लेकिन कई कट्टरपंथी ईरानी अखबारों ने हादी मटर की प्रशंसा की है।
कट्टरपंथी काहान अखबार, जिसके प्रधान संपादक को ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनेई द्वारा नियुक्त किया जाता है, ने लिखा, बहादुर और कर्तव्यपरायण बहादुर व्यक्ति, जिसने न्यू यॉर्क में धर्मत्यागी और दुष्ट सलमान रुश्दी पर हमला किया। जिस मनुष्य ने परमेश्वर के शत्रु की गर्दन फाड़ दी, उसका हाथ चूमा जाना चाहिए।
1988 में लिखे उपन्यास द सैटेनिक वर्सेस के लिए मुस्लिम कट्टरपंथियों के निशाने पर आए रुश्दी पर न्यूयार्क के बाहरी इलाके में शुक्रवार को हादी मतर (24) नाम के युवक ने चाकू से हमला किया था। युवक को मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया गया था। वह अमेरिका के न्यूजर्सी प्रांत के फेयरव्यू शहर का रहने वाला है। लेबनानी माता-पिता की संतान हादी अमेरिकी नागरिक है। पुलिस ने उसके खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया है। पुलिस और एफबीआइ उससे पूछताछ करके मामले की जांच कर रहे हैं। अभी तक की जांच में सामने आया है कि हादी कार्यक्रम स्थल चौटौक्वा इंस्टीट्यूशन में अकेले ही आया था। कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आवश्यक पास उससे बरामद हुआ है। संस्थान की उदारवादी नीति के चलते आगंतुकों की सुरक्षा जांच नहीं की गई। इसके चलते हादी चाकू लेकर सभागार में पहुंचने में सफल हो गया और मौका मिलते ही उसने मंच पर जाकर रुश्दी पर हमला कर दिया। हमले का उद्देश्य अभी पता नहीं लगा है।
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