नई दिल्ली : रूसी मिसाइल S-400 और रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद भारत और अमेरिका के संबंधों में काफी तल्खी आई है। खासकर रूस यूक्रेन युद्ध के बाद तो दोनों देशों के संबंधों में काफी उतार-चढ़ाव देखा गया है। ऐसे में अमेरिका का यह बयान भारत और अमेरिका के संबंधों के लिए काफी अहम है। पहली बार अमेरिका ने भारत और रूस के रिश्तों को स्वीकार किया है।
आइए जानते हैं कि बाइडन प्रशासन के इस दृष्टिकोण के क्या मायने हैं। इसके क्या बड़े कूटनीतिक निहितार्थ है। अमेरिका के इस बयान से चीन और पाकिस्तान की चिंता क्यों बढ़ गई है। विदेश मामलों के जानकार प्रो हर्ष वी पंत ने कहा कि अमेरिका का यह बयान काफी खास है। खासकर अमेरिका और भारत के संबंधों के लिहाज से यह काफी महत्वपूर्ण है।
अमेरिका के इस बयान को इस नजरिए से देखा जाना चाहिए कि उसने भारत और रूस की निकटता को स्वीकार किया है। यह बयान इसलिए भी अहम है क्यों कि सार्वजनिक तौर पर पहली बार अमेरिका ने भारत-रूस संबंधों को लेकर अपना व्यवहारिक दृष्टिकोण पेश किया है। कूटनीतिक दृष्टि से यह भारत के पक्ष में है। उन्होंने कहा कि अगर देखा जाए तो पहली बार अमेरिका ने भारत रूस संबंधों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से स्वीकार किया है।
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