....

भगवान गणेश धनदायक भद्रा व रवियोग की साक्षी में विराजेंगे

 भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी पर भगवान गणेश की स्थापना होगी। इस बार गणेश चतुर्थी का पर्वकाल पाताल वासिनी धनदायक भद्रा तथा रवियोग की साक्षी में मनाया जाएगा। इसके साथ ही दस दिवसीय गणेश उत्सव की शुरुआत होगी। गणपति उत्सव के दस दिनों में विभिन्न उत्सव व त्योहार भी मनाए जाएंगे।


ज्योतिषाचार्य के अनुसार पंचांगीय गणना के अनुसार गणपति चतुर्थी पर रवियोग तो रहेगा ही, साथ ही शुक्ल योग में गणेश स्थापना का दिनभर शुभ मुहूर्त रहेगा। शुक्ल योग की अधिष्ठात्री देवी स्वयं माता पार्वती हैं और गणेश पार्वती पुत्र ही हैं। इसलिए इस योग में गणपति की स्थापना सुख, सौभाग्य तथा समृद्धि प्रदान करने वाली रहेगी। चतुर्थी के दिन बुधवार का दिन होना भी विशेष शुभ माना जा रहा है। विशेष यह भी है कि इस दिन दोपहर 3 बजकर 22 मिनट तक पाताल वासिनी भद्रा रहेगी। पाताल वासिनी भद्रा धनदायक मानी गई है। पंचांग की इन विशेषताओं को देखें तो गणेश चतुर्थी पर शुभ मुहूर्त में घर,प्रतिष्ठान, उद्योग, कार्यालय आदि में भगवान गणेश की स्थापना भक्तों को मनोरथ पूर्ण करने वाली रहेगी।


Share on Google Plus

click vishvas shukla

    Blogger Comment
    Facebook Comment

0 comments:

Post a Comment