....

आवाम ने नफ़रत की राजनीति को नकारा-ओवैसी

  मध्य प्रदेश के निकाय चुनाव में पहली बार हिस्सा ले रही असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने प्रदेश में कदम जमाना शुरू कर दिया है। राज्य में अब ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के 7 पार्षद जीत चुके हैं। प्रदेश में मिली इस जीत को लेकर एआईएमआईएम के कार्यकर्त्ता जोश में हैं। वहीं इस जीत के बड़े मायने तलाशे जा रहे हैं। खंडवा, बुरहानपुर, जबलपुर  और खरगोन में मिली कामयाबी को लेकर ओवैसी भी बहुत खुश नजर आ रहे हैं। खासकर खरगोन में एआईएमआईएम की हिन्दू केंडिडेट की जीत एक बड़े राजनीतक दांव के रूप में देखी जा रही हैं। 


अपने प्रत्याशी की जीत को लेकर खुद ओवैसी ने भी ट्वीट कर लिखा कि अरुणा जी का हम शुक्रिया अदा करते हैं। उनकी जीत ने सही मायनों में खरगोन में सेक्युलरिज़्म और हिन्दू-मुस्लिम इत्तेहाद की मिसाल क़ायम की है। बता दें कि राम नवमी पर निकाले जाने वाले जुलुस के दौरान खरगोन में हिंसा भड़क उठी थी। उसके बाद यहां माहौल में साम्प्रदायिकता का जहर घुलने लगा था। ऐसे में एआईएमआईएम की हिन्दू केंडिडेट की जीत को सेक्युलरिज़्म से जोड़कर देखा जा रहा है। 

मध्य प्रदेश में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन को मिली कामयाबी के बाद प्रदेश की सियासत में नया अध्याय जुड़ गया है। प्रदेश में पहली बार चुनाव लड़ने वाली असदुद्दीन की पार्टी ने राजनीति के नए विकल्प की राह को खोल दिया हैं।  AIMIM  की जीत के बाद माना जा रहा था की मुसलमानों को प्रदेश में नया नेतृत्व मिल गया हैं।


Share on Google Plus

click vishvas shukla

    Blogger Comment
    Facebook Comment

0 comments:

Post a Comment