मध्य प्रदेश में ग्रीष्मकालीन मूंग का उत्पादन 16 लाख टन से अधिक होने की संभावना है। उत्पादन अधिक होने के कारण मूंग का प्रचलित बाजार भाव न्यूनतम समर्थन से कम हो गया है। उत्पादन में वृद्धि और किसानों के हित को देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल से कृषि भवन, नई दिल्ली स्थित कार्यालय में मुलाकात कर मूल्य स्थिरीकरण मद से चार लाख टन मूंग के उपार्जन की अनुमति मांगी। वहीं, उर्पाजन के लंबित लगभग छह हजार करोड़ रुपये का भुगतान करने की मांग भी की।
मध्य प्रदेश में इस बार 12 लाख हेक्टेयर में ग्रीष्मकालीन मूंग की बोवनी की गई थी। कृषि विभाग को अनुमान है कि 16 लाख टन से ज्यादा उत्पादन हुआ है। उत्पादन अधिक होने के कारण समर्थन मूल्य प्रति क्विंटल सात हजार 275 रुपये से कम बाजार भाव है। इसे देखते हुए किसान हित में 16 लाख टन उतपादन का 25 प्रतिशत यानी चार लाख टन मूंग मूल्य स्थिरीकरण मद से करने की अनुमति दी जाए। अभी केंद्र सरकार ने दो लाख 25 हजार टन मूंग खरीदने की अनुमति प्रदेश को दी है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से विगत वर्षों से लंबित लगभग छह हजार करोड़ रुपये की राशि भी शीघ्र जारी करने का अनुरोध किया। इस पर उन्होंने हरसंीाव सहयोग का भरोसा दिलाया।
उधर, मुख्यमंत्री ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से भी मुलाकात की और बताया कि मध्यप्रदेश पहला ऐसा राज्य है, जिसने सार्वजनिक परिसंपत्तियों के प्रबंधन के लिए पब्लिक एसेट मैनेजमेंट कंपनी बनाई है। इसके लिए केंद्र शासन ने एक हजार 55 करोड़ रूपये की प्रोत्साहन राशि भी जारी की है। उन्होंने बताया कि यदि परिसंपत्ति का प्रबंधन शासकीय विभाग करता है तो उसे पूंजी लाभ कर नहीं लगता है। राज्य शासन की नीति में सार्वजनिक परिसंपत्तियों के प्रबंधन के लिए बनाई गई कंपनियों को भी पूंजी लाभ कर की छूट दी जाए।
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