....

मध्‍य प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र 25 जुलाई से, प्रथम अनुपूरक बजट होगा प्रस्तुत

   मध्य प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र 25 जुलाई से प्रारंभ होगा। 29 जुलाई तक चलने वाले इस सत्र में सरकार वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए प्रथम अनुपूरक अनुमान (बजट) प्रस्तुत करेगी। इसके अलावा अध्यादेश के स्थान पर मध्य प्रदेश नगर पालिक विधि और भू-राजस्व संहिता में संशोधन के लिए विधेयक प्रस्तुत किए जाएंगे। विधानसभा सचिवालय ने राज्यपाल मंगुभाई पटेल की अनुमति मिलने के बाद बुधवार को सत्र की अधिसूचना जारी कर दी। वहीं, सत्र की कम अवधि को लेकर नेता प्रतिपक्ष डा.गोविन्द सिंह ने आपत्ति जताई है।


विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह ने बताया कि पांच दिवसीय इस सत्र में शासकीय के अलावा अशासकीय कार्य भी संपादित किए जाएंगे। शुक्रवार को अशासकीय संकल्प पर चर्चा होगी। सत्र के दौरान बैठकें प्रतिदिन सुबह 11 बजे से प्रारंभ होंगे। प्रश्नकाल, शून्यकाल और ध्यानाकर्षण सूचनाओं पर चर्चा कराने के बाद अन्य कार्य संपादित किए जाएंगे। सुरक्षा की दृष्टि से सत्र के दौरान विधानसभा परिसर में प्रवेश पत्र के बिना किसी को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। नगरीय विकास एवं आवास विभाग के अधिकारियों का कहना है कि महापौर का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली यानी जनता के माध्यम से कराया जा रहा है।

इसके लिए अध्यादेश के माध्यम से नगर पालिक विधि में संशोधन किया गया है। अब अध्यादेश के स्थान पर संशोधन विधेयक प्रस्तुत किया जाएगा। इसी तरह राजस्व विभाग ने भू-राजस्व संहिता में संश्ाोधन करके राजस्व मंडल में खंडपीठ गठित करने का प्रविधान किया है। इसके लिए भी संशोधन विधेयक प्रस्तुत किया जाएगा। वहीं, वित्त विभाग अधोसंरचना विकास के कार्यों के लिए निर्माण विभागों को अनुपूरक बजट के माध्यम से अतिरिक्ति राशि आवंटित करने का प्रविधान करेगा।

सत्र की कम अवधि को लेकर नेता प्रतिपक्ष डा.गोविन्द सिंह ने आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से कम से कम बीस दिन का सत्र बुलाने का अनुरोध किया था लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया गया। सत्र की अवधि लगातार कम होती जा रही है। ऐसे में जनहित के मुद्दों पर सदन में चर्चा भी नहीं हो पा रही है। उन्होंने सरकार से सत्र की अवधि बढ़ाने की मांग की है।

Share on Google Plus

click vishvas shukla

    Blogger Comment
    Facebook Comment

0 comments:

Post a Comment