ईपीएफओ का दायरा बढ़ता जा रहा है। इसका मतलब यह हुआ कि नौकरियों की भी संख्या बढ़ी है एवं वेतनभोगी वर्ग में भी इज़ाफा हुआ है जिनका कि पीएफ अंशदान कटता है। हाल ही में केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय ने ईपीएफओ का अस्थायी पेरोल डेटा जारी किया है। ईपीएफओ ने अप्रैल, 2022 के महीने में 17.08 लाख शुद्ध ग्राहक जोड़े हैं। पेरोल डेटा की साल-दर-साल तुलना अप्रैल, 2021 में शुद्ध सदस्यता की तुलना में अप्रैल, 2022 में 4.32 लाख शुद्ध ग्राहकों की वृद्धि दर्शाती है। महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, हरियाणा, गुजरात और दिल्ली राज्यों में शामिल प्रतिष्ठान महीने के दौरान लगभग 11.60 लाख शुद्ध ग्राहकों को जोड़कर अग्रणी बने हुए हैं, जो कुल शुद्ध का 67.91% है। यह पेरोल डेटा इंटरिम है क्योंकि डेटा निर्माण एक रेग्युलर प्रक्रिया है, क्योंकि कर्मचारी रिकॉर्ड की एक अपडेटेड प्रोसेस है। पिछला डेटा इसलिए हर महीने अपडेट किया जाता है। अप्रैल-2018 के महीने से, ईपीएफओ सितंबर, 2017 की अवधि को कवर करते हुए पेरोल डेटा जारी कर रहा है।
9.23 लाख नए सदस्य पहली बार ईपीएफ सामाजिक सुरक्षा कवर के तहत
महीने के दौरान जोड़े गए कुल 17.08 लाख ग्राहकों में से, लगभग 9.23 लाख नए सदस्य पहली बार ईपीएफ और एमपी अधिनियम, 1952 के सामाजिक सुरक्षा कवर के तहत आए हैं। लगभग 7.85 लाख सदस्य ईपीएफओ के अंतर्गत आने वाले प्रतिष्ठानों के भीतर अपनी नौकरी बदलकर ईपीएफओ के तहत शामिल प्रतिष्ठानों से बाहर निकले और फिर से जुड़ गए। उन्होंने अपने पीएफ निकासी की बजाय योजना के तहत सदस्यता बनाए रखने का विकल्प चुना।
पेरोल डेटा की आयु-वार तुलना
पेरोल डेटा की आयु-वार तुलना इंगित करती है कि 22-25 वर्ष के आयु-समूह ने अप्रैल, 2022 के दौरान 4.30 लाख अतिरिक्त के साथ सबसे अधिक शुद्ध नामांकन दर्ज किया है। इसके बाद 29-35 वर्ष के आयु-समूह के साथ एक माह के दौरान 3.74 लाख शुद्ध जोड़ियां स्वस्थ रूप से जोड़ी गईं। इन दो आयु समूहों में महीने के दौरान लगभग 47.07% शुद्ध ग्राहक जोड़े गए। 29-35 वर्ष के आयु समूह को अनुभवी कर्मचारी माना जा सकता है जिन्होंने करियर ग्रोथ के लिए नौकरी बदली है और ईपीएफओ के साथ रहने का विकल्प चुना है।
0 comments:
Post a Comment