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लोकसभा में विदेश मंत्री ने यूक्रेन मामले पर स्पष्ट की स्थिति

रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक बार फिर भारत का स्टैंड बताया है। बुधवार को यूक्रेन की स्थिति पर लोकसभा में चर्चा करते उन्होंने कहा कि भारत संघर्ष के पूरी तरह से खिलाफ है और तत्काल हिंसा समाप्त करने के पक्ष में हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने इस मुद्दे पर कोई पक्ष चुना है तो वह शांति का पक्ष है। उन्होंने कहा कि हमारा मानना ​​है कि खून बहाकर और मासूमों की जान की कीमत पर कोई समाधान नहीं निकाला जा सकता है। नियम 193 के तहत निचने सदन में यूक्रेन की स्थिति पर चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए जयशंकर ने कहा, ''भारत का रुख राष्ट्रीय विश्वास एवं मूल्यों, राष्ट्रीय हितों और राष्ट्रीय रणनीति के तहत निर्देशित है। हम संघर्ष के पूरी तरह से खिलाफ हैं। हम मानते हैं कि हिंसा एवं निर्दोष लोगों के जीवन की कीमत पर कोई समाधान नहीं निकल सकता। संवाद और कूटनीति ही एकमात्र उपाय है।''


विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने यूक्रेन से वापस लौटे भारतीय छात्रों के भविष्य के बारे में सरकार की योजनाओं के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि छात्रों का करियर बचाने के लिए यूक्रेन सरकार के साथ-साथ हंगरी, रोमानिया, चेक रिपब्लिक, कजाकिस्तान और पोलैंड से भी बातचीत की जा रही है। कोशिश है कि यहां कि यूनिवर्सिटीज में छात्रों को एडमिशन मिल जाए, क्योंकि इन देशों की मेडिकल शिक्षा का पैटर्न यूक्रेन से मिलता-जुलता है।

विदेश मंत्री ने चर्चा में कुछ विपक्षी सदस्यों की टिप्पणियों के परोक्ष संदर्भ में यह भी कहा कि यूक्रेन की स्थिति के संबंध में भारत के कदमों को राजनीतिक रंग देने का प्रयास दुर्भाग्यपूर्ण है। विदेश मंत्री ने कहा, ''हम ने रूस और यूक्रेन के राष्ट्रपति स्तर से लेकर हर स्तर पर संवाद किया, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं बात की। यूक्रेन के बूचा में काफी संख्या में शव मिलने से जुड़ी घटना पर जयशंकर ने कहा, ''हम इस रिपोर्ट से काफी परेशान हैं। हम इन हत्याओं की निंदा करते हैं। हम इस घटना की स्वतंत्र जांच कराने के आह्वान का समर्थन करते हैं।'' उन्होंने कहा, ''भारत ने अगर कोई पक्ष चुना है, तो वह शांति का पक्ष है। हम तत्काल हिंसा समाप्त करने के पक्ष में हैं। यह रुख संयुक्त राष्ट्र सहित सभी मंचों पर हमने रेखांकित किया है।''

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